"देश का 19 वर्षीय ‘मिसाइल मैन’ अब जीवन त्यागने और अपने अवॉर्ड व सम्मान गंगा में विसर्जित करने को तैयार — प्रतिभा को निगल रही है साज़िश!"

मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले का वह बेटा, जिसकी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प पर देश को गर्व था, वह आज गहन निराशा और अवसाद में डूब चुका है। युवा इंजीनियर छात्र प्रखर विश्वकर्मा की कहानी विपरीत परिस्थितियों में बड़े सपने देखने की मिसाल है। अपनी पढ़ाई के दौरान ही, उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद वैज्ञानिक अनुसंधान को अपना जुनून बनाया। उनकी सफलता केवल उनकी नहीं, बल्कि उन लाखों भारतीय युवाओं की जीत है, जो अभाव में भी प्रतिभा का परचम लहराते हैं।प्रखर की उपलब्धियाँ, जो देश का गौरव हैं:प्रखर को उनकी अनूठी वैज्ञानिक सोच के लिए विश्व की सबसे प्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसी NASA (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) और देश की शान ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) दोनों से आधिकारिक सम्मान प्राप्त है।

इसरो के 'स्पेस ट्यूटर' कार्यक्रम से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं, जहाँ वह युवा पीढ़ी को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए प्रेरित करते हैं। 'म.प्र का मिसाइल मैन' यह उपाधि उन्हें उनकी स्वयं-विकसित मिसाइल परियोजनाओं के कारण मिली, जो उनकी गहन अनुसंधान क्षमता और रक्षा क्षेत्र में योगदान की भावना को दर्शाती है। उनके प्रोजेक्ट्स देश की रक्षा प्रौद्योगिकी के भविष्य के लिए अमूल्य हैं। 19 वर्ष की अल्पायु में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यह मुकाम हासिल करना किसी चमत्कार से कम नहीं है। कौन हैं ये 'संदिग्ध लोग' जो प्रतिभा को निगल रहे हैं?ISRO के 'स्पेस ट्यूटर' के रूप में देश के भविष्य को संवारने वाला यह युवा आज टूट चुका है। प्रखर विश्वकर्मा ने अपने इस हृदय विदारक फैसले के लिए 'कुछ संदिग्ध लोगों' के हस्तक्षेप और एक ऐसी असहनीय परिस्थिति को जिम्मेदार ठहराया है जहाँ से उन्हें कोई बाहरी रास्ता नहीं दिख रहा है। उनका बयान उन अदृश्य ताकतों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है, जो देश की प्रतिभा को जीवन समाप्त करने की कगार पर धकेल रही हैं। 

यह संकट एक राष्ट्रीय शर्मिंदगी है। 

प्रखर को तुरंत सुरक्षित किया जाए, उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता दी जाए और उन्हें अंतिम कदम उठाने से रोका जाए।प्रोजेक्ट का संज्ञान: भारत सरकार प्रखर के इस अमूल्य प्रोजेक्ट को तुरंत अपने अधिकार में ले और प्रखर को यह भरोसा दिलाए कि उनकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। जाँच और न्याय: 'संदिग्ध लोगों' के आरोपों की जाँच हो और दोषियों को तुरंत गिरफ़्तार कर कठोर सज़ा दी जाए।अब बात सिर्फ सम्मान की नहीं, एक ज़िंदगी की है! सरकार को इस प्रतिभा को संरक्षित करने के लिए तुरन्त हरकत में आना चाहिए

संवाददाता - मुहम्मद ख्वाजा