डीएलसीसी की बैठक सम्पन्न
समय पर हितग्राहियों को वित्त पोषित करें-कलेक्टर
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने समस्त बैंकर्स प्रतिनिधियो से कहा है कि हितग्राहीमूलक योजनाओं के प्रकरणों में बैंकर्स स्वीकृति तो जल्दी दे देती है किन्तु वित्त पोषण में विलम्बता करती है। अतः इस प्रकार की कार्यवाही ना करें कि हितग्राही वित्त पोषण के लिए बैंको के चक्कर लगाए। कलेक्टर भार्गव ने कहा कि हम सबका प्रयास होना चाहिए कि हितग्राही उसी वित्तीय वर्ष में चिन्हित व्यवसाय का संचालन बैंक के माध्यम से वित्त पोषण के उपरांत करना शुरू करें। उन्होंने कहा कि जब बैंक को वित्त पोषण करना है कि तो विलम्बता किस बात की होना चाहिए। ज्यादा देरी होने पर हितग्राहियों का बैंको के प्रति विश्वास गिरता है अतः सभी बैंकर्स प्रतिनिधि जिले में ऐसी कार्यप्रणाली अपनाएं कि वे हितग्राहियों के दिलो दिमाग पर भी परोक्ष रूप से राज करें। कलेक्टर भार्गव ने आज डीएलसीसी की बैठक में विभिन्न योजनाओं के तहत वित्त पोषण की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जिन बैंको के द्वारा हितग्राहियों के वित्त पोषण कार्यो का सुगमता, सरलता से पूरा किया जा रहा है उन ही बैंको के खातो में ही शासन की राशि जमा कराने की कार्यवाही क्रियान्वित की जाएगी। स्व-सहायता समूहो के मामलो में कुल 33 करोड़ में से 17 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा वित्त पोषित करने पर कलेक्टर भार्गव ने उक्त बैंक की शाखा में ही शासन की नवीन योजनाओ साथ ही नीति आयोग के माध्यम से प्राप्त होने वाली राशि को जमा कराने के निर्देश संबंधितों को दिए है। बैठक में जिन बिन्दुओं पर चर्चा कर निर्णय लिए गए है उनमें विदिशा जिले की वार्षिक साख योजना का अनुमोदन, तिमाही बैंकिंग विकास की समीक्षा, कैम्प वित्तीय समावेश से सशक्तिकरण हेतु जिले में आयोजित होने वाले शिविरो के माध्यम से संपादित किए गए कार्यो खासकर पीएमएसबीवाय, पीएमजेजेबीबाय, एपीवाय, एवं कासा इत्यादि की गहन समीक्षा की गई है। कलेक्टर भार्गव ने संबंधितों से कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तीस जून तक जन सुरक्षा केम्पों का आयोजन किया जाना है। इनमें पीएमएसबीवाय और पीएमजेजेवाय के हितग्राहियों का शत प्रतिशत बीमा कराने की प्रक्रिया क्रियान्वित की जाए। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऐेसे हितग्राही जिनके द्वारा दस हजार रूपए की राशि बैंक को लौटाई गई है उन्हें बीस हजार का ऋण अवश्य प्रदाय किया जाए। जिले के निकाय क्षेत्रों में इस प्रकार के हजारो प्रकरण लंबित है जिस पर असंतोष जाहिर करते हुए उन्होंने निकाय क्षेत्रवार वित्त पोषण शीघ्रतिशीघ्र कराए जाने पर बल दिया है। कलेक्टर भार्गव ने कहा कि लघु ऋणों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत शीघ्रतिशीघ्र वित्त पोषण की कार्यवाही की जाए ताकि जिले की स्थिति में सुधार आ सकें। बैठक में स्वरोजगार येजना के अंतर्गत जिला शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से क्रियान्वित की जाने वाली योजनाओ के अलावा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से संचालित योजनाओं के वित्त पोषण पर भी विशेष जोर दिया गया है बैठक में बताया गया कि गतवर्ष की विभागीय योजनाओं के तहत जिन प्रकरणों में बैंको द्वारा स्वीकृति दी गई है और अब तक फायनेंस नहीं किया है तो वे 31 मई तक वित्त पोषण की कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें अन्यथा उपरोक्त स्वीकृत प्रकरण नए नियमों के तहत निरस्त हो जाएगा। बैठक में उद्यानिकी विभाग की पीएमएफएमई योजना के तहत संलग्न किए जाने वाले दस्तावेंजो में एकरूपता लाने साथ ही उद्योग विभाग के माध्यम से क्रियान्वित योजना के अनुरूप वित्त पोषण पर बल दिया गया है। इसी प्रकार पशुपालन हेतु बैंको के माध्यम से जारी होने वाली डेयरी, केसीसी प्रकरणो, मत्स्यपालन विभाग के केसीसी फिशरीज तथा जिला आदिवासी वित्त विकास निगम के माध्यम से क्रियान्वित भगवान बिरसा मुण्डा योजना, टंटया मामा आर्थिक कल्याण योजना तथा अन्त्वसायी के माध्यम से क्रियान्वित संत रविदास स्वरोजगार योजना, डॉ भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना के लक्ष्य पूर्ति के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है। बैठक में बैंकवार एनपीए के जानकारी, किसान क्रेडिट की जानकारी तथा आकांक्षी जिले के अंतर्गत पंचायत स्तर पर आयोजित किए जा रहे विशेष शिविरों में जनसुरक्षा के लिए बीमा संबंधी प्रावधानो की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया गया।नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में आयोजित इस बैठक में कलेक्टर भार्गव ने सभी बैंकर्स प्रतिनिधियों को सचेत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है इस योजना के महिला हितग्राहियों को बैंको में कहीं भी खाता खोले जाने के संबंध में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आनी चाहिए का विशेष ध्यान रखा जाए। लीड़ बैंक आफीसर चन्द्रशेखर ने बैंकवार अब तक सम्पन्न हुए उपरोक्त योजना के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की साथ ही उन्होंने सभी बैंकर्स प्रतिनिधियों से कहा कि वे हितग्राहीमूलक योजनाओं में विशेष ध्यान देकर समय सीमा में वित्त पोषण की कार्यवाही कर बैक शाखा के साथ-साथ जिले को गौरवान्वित कराने में पीछे ना रहें।जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने शासन की नवीनतम योजनाओं पर गहन प्रकाश डालते हुए इन योजनाओं के हितग्राहियों को शत प्रतिशत वित्त पोषण की कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के द्वारा जारी दिशा निर्देशो के अनुसार प्रत्येक शुक्रवार को हरेक बैंक में हितग्राहियों से संबंधित कार्यो के संपादन हेतु शिविरों का आयोजन किया जाना है अतः इस प्रकार के कार्यो में कोई भी बैंक पीछे ना रहें। बैठक में आरबीआई के प्रतिनिधि नवनीत तिवारी ने भी बैंकर्स प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम भली मंशा के साथ नियम प्रावधानो के तहत हितग्राहियों को वित्त पोषण की कार्यवाही करें इससे बैंक की साख और अर्निंग दोनो में वृद्धि होगी। हम सब इस बात से अंदाज लगा सकते है कि आरबीआई की गाइड लाइन अनुसार हितग्राहीमूलक योजनाओं में वित्त पोषण करना अनिवार्य है अतः फिर हम पीछे क्यों रहें। उपरोक्त बैठक में नावार्ड प्रतिनिधि जसप्रीत सिंह कौर, डिप्टी कलेक्टर अमृता गर्ग ने शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं के लक्ष्यपूर्ति में हो रही दिक्कतो से अवगत कराया। उपरोक्त बैठक में हितग्राहीमूलक योजनाओे को क्रियान्वित कराने वाले विभागो के जिलाधिकारियों के साथ-साथ समस्त बैंको के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
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