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Showing posts with the label कविताShow All
आज़ादी तो अभी भी बाकी है कहीं न कही
भगतसिंह
 मुझे प्यारा वो मेरा घर था
भगवान का माता पिता होना,  सामान्य लोगों की असमान्य बात है..
नारी को लांछित पाया है।
गौरा के नंदन गणपति
नारी के तन की कीमत पर, क्यों हर युद्ध लड़ा जाता है?
किसानों का हाल जानने कोई सरकार आयेगी क्या ?
 गुरु वंदना ...
बेशक कंटक हो राहों पर चलना है...
ग़ज़ल
बालगोपाल श्री कृष्ण लीलाओं से समाज में महत्वपूर्ण संदेश
"तू क्यों खुद को कमजोर समझती है"
गर्व से कहती हूँ मैं एक नारी हूँ |
शृंगार रस से ओत-प्रोत रचना ..
शिक्षक ( गुरु) की महिमा
आज की हकीकत के कुछ पल ।
हिंदी और इंग्लिश,  दो भाषाओं की तुलना
जन्माष्टमी का त्योहार
भाई बहनों के दिलों पर  राखी छाई रे...