कांग्रेस में शामिल होने के बाद दीपक जोशी की पहली प्रतिक्रिया, बोले- शिवराज सिंह के खिलाफ बुधनी से लड़ूंगा चुनाव
चुनावी साल में बीजेपी को झटका देते हुए दीपक जोशी आज मध्य प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए. इस मौके पर
जोशी ने कहा कि मैं जनसंघ का दीपक हूं, 46 साल से मेरे पिता एक ही सीट से चुनाव लड़े थे. उन्होंने कहा कि 2018 के बाद बीजेपी में परिदृश्य तेजी से
बदला है. बीजेपी से ईमानदारी और शुचिता को गायब किया जा रहा था.
बीजेपी शासन में हावी हो गया था माफियावाद
हाथ में अपने पिता व पूर्व मुख्यमंत्री
कैलाश जोशी की तस्वीर थामे दीपक जोशी ने कहा कि उनके पिता का स्मारक आज तक नहीं
बना. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान कमलनाथ ने मेरे पिता का स्मारक
बनाने का वादा किया था लेकिन बीजेपी वालों ने हमको भुला दिया. दीपक जोशी ने कहा कि
बीजेपी के शासन में माफियावाद हावी हो गया. देवास और भोपाल में कैलाश जी के नाम पर
कुछ नहीं हुआ. दीपक जोशी ने कहा, ' मैं बिना शर्त केवल सम्मान की खातिर कांग्रेस में शामिल हुआ हूं, अगर पार्टी कहेगी तो मैं शिवराज सिंह के
खिलाफ बुधनी से चुनाव लड़ूंगा. '
दीपक जोशी का राजनीतिक सफर
तीन बार के विधायक दीपक जोशी पहली बार 2003 में विधायक चुने गए थे. इसके बाद
उन्होंने लगातार 2008 और 2013 में विधानसभा का चुनाव जीता और फिर वह
शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री बने. हालांकि 2018 में वह कांग्रेस के उम्मीदवार मनोज
चौधरी से चुनाव हार गए. साल 2020 में सिंधिया गुट के कांग्रेस छोड़कर
बीजेपी में शामिल होने के बाद मनोज चौधरी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इसके
बाद बाद में हुए उपचुनाव में दीपक जोशी बीजेपी की ओर से चुनाव जीतकर विधायक बने.
दबे कुचले लोगों के लिए लड़ना जारी
रखूंगा
दीपक जोशी ने कहा कि मोदी जी कहते हैं
कि ना खाऊंगा न खाने दूंगा, मगर ये गूंगे बहरे लोग खूब खा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वह अपने पिता कैलाश जोशी की विरासत को बरकरार रखते हुए दबे कुचले
लोगों के लिए लड़ना जारी रखेंगे और कांग्रेस इसमें उनका माध्यम बनेगी.
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