गोंड़वाना स्वजातीय समूहिक विवाह में गोंड़ी रीति रिवाज से सात जोड़ों का रचाया गया विवाह
बुधवार को चुल माटी, तेल माय की रस्म निभाई गई इसके बाद गुरुवार को टिकावन, बंदावन रीति रिवाज के साथ चिन्हित जोड़ों का विवाह कराया गया। विवाह की सभी रस्में पंडा पुजारी थानेश्वर सिंह धुर्वे द्वारा कराई गई। गोंडवाना स्वजातीय सामूहिक विवाह का आयोजन पहली बार अनूपपुर जिले में हुआ। इस मौके पर सांस्कृतिक कर्मा नर्तक दल द्वारा प्रस्तुति दी गई।
विवाह समारोह में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित शहडोल संभाग के गोंडवाना समाज के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्य बात यह भी रहेगी इस दौरान नशा के खिलाफ पुरजोर विरोध भी हुआ और लोगों को नसीहत भी दी गई थी कि कार्यक्रम में कोई भी इस अवस्था में मौजूद नहीं रहेगा। आयोजन को सफलतापूर्वक कराने में लक्ष्मन मरकाम,चन्द्रभान नेताम,दिलीप सिंह सैयाम,महेन्द्र नेताम, राजभान सिंह परस्ते, हरी सिंह मरकाम, गंगा सिंह नेटी, संजय मरकाम, आर सी गज्जाम झुन्नीलाल सैयाम, भूपेन्द्र वरकडे, देवा मरावी, मुन्ना मरावी,अशोक सरौते,धीरा मरावी, संतोष मसराम, गनाराम पन्द्रे ने योगदान दिया।
संवाददाता- प्रयाग सिंह कुशराम
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