सरपंचों ने मनरेगा की सामग्री राशि का भुगतान नही करने पर जनपद हटा सीईओ पर लगाये आरोप
सामूहिक इस्तीफा देने की दी चेतावनी
हटा/वर्तमान में जिले में आने वाली ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत अनेकों विकास कार्य करवाये जा रहे है। अनेकों विकास कार्य बिना एएस टीएस के ही करवाये जा रहे हैं जब कि शासन के नियमानुसार ऐसा कोई प्रावधान पंचायत के अधिनियम में नही है। विकास कार्याें की होड़ में अनेकों पंचायतों में स्वयं का पैसा खर्च कर पहले से अनेकों कार्य कराये जा रहे हैं जो कि निम्न स्तर से लेकर उच्च स्तर तक सभी की मिलीभगत से हो रहे हैं, जिसमें बढ़े बढे जनप्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। निर्माण कार्य तो हो रहे हैं लेकिन उन सभी निर्माण कार्य में खर्च हुई राशि का भुगतान कब और कैसे होना है, इसको लेकर सभी पंचायत प्रतिनिधि परेशान हो रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला दमोह जिले की जनपद पंचायत हटा का सामने आया है। जिसमें जनपद अंतर्गत आने वाले लगभग एक दर्जन ग्राम पंचायतों के सरपंचो ने हटा सीईओ द्वारा मनरेगा सामग्री एवं लेबर मजदूरी राशि भुगतान नहीं किये जाने के संबंध में सीईओ जिला पंचायत को एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया है।
आवेदन पत्र में सरपंचों द्वारा लेख किया गया है कि मनरेगा के तहत जो सामग्री ग्राम पंचायतों के तहत पंचायत में किये गये कार्य की राशि भुगतान जनपद पंचायत सीईओ हटा द्वारा मात्र चार पंाच पंचायतों को किया गया है। शेष जनपद पंचायत हटा की ग्राम पंचायतों को मनरेगा सामग्री राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
सरपंचों ने आवेदन में यह भी लेख किया है कि यदि एक दो दिनों में अन्य सभी ग्राम पंचायतों को मनरेगा सामग्री राशि का भुगतान नही किया जाता तो ग्राम पंचायतों के सरपंचों द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिया जावेगा।
आखिर जिले में चल क्या रहा है कि कहीं तालाब निर्माण तो खखरी निर्माण, कहीं कागजों में सुरक्षा दीवाल निर्माण तो कहीं जुगाड़ की पुलिया का निर्माण, कहीं अवैध पत्थरों का उत्खनन तो कहीं हवा में उड़ने वाली सीसी सड़क निर्माण, कहीं तालाब डह रहा है तो कहीं पुलिया क्षतिग्रस्त हो रही है, जहॉ देखों वहॉं भ्रष्टाचार का मामला उजागर हो रहा है।
आखिर इन सभी भ्रष्टाचार के पीछे किसी अधिकारी का हॉंथ है या फिर प्रदेश या देश के किसी नेता का हाथ रखा हुआ है। मामला भी उजागर होता है लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
अब हटा जनपद में ही देख लीजिए कि पंचायतों के प्रतिनिधियों ने कार्य तो अपने पैसों से करा लिये हैं लेकिन भुगतान नहीं होने से हाय हाय मची हुई है, सीईओ पर आरोप भी लग रहे है और यहॉ तक कि जल्दी भुगतान नहीं किये जाने पर इस्तीफा देने की चेतावनी तक दे डाली है।
अब आगे देखना होगा कि सरपंचो द्वार दिये गये आवेदन पर आगे क्या कार्यवाही की जाती है
संवाददाता राहुल नामदेव
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