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शासकीय स्कूल बड़ोखर में प्राचार्य और शिक्षकों की तानशाही अंकसूची के बदले वशुल रहे मोटी रकम।

 

शासकीय स्कूल बड़ोखर में प्राचार्य और शिक्षकों की तानशाही अंकसूची के बदले वशुल रहे मोटी रकम।







जिले के शासकीय हाई स्कूल में भ्रष्टाचार चरम पर नजर आ रहा है

स्कूल के प्राचार्य सहित शिक्षक बच्चों से अंक सूची के नाम पर वसूल रहे हैं मोटी रकम एवं विद्यालय में पुताई का आया हुआ फंड बिना कार्य के ही डकार गए ।

   बताते चलें कि मीडिया की टीम ने जब ग्राउंड जीरो में पहुंच बड़ोखर स्कूल में मामले की पड़ताल की जहां कैमरे में कैद हुई तस्वीरें बयां कर रही है कि कई वर्षों से विद्यालय भवन की पुताई नहीं कराई गई है जबकि कागज में पुताई के नाम पर पैसा भी निकल चुका है और विद्यालय की पुताई भी नहीं हुईं है शिक्षा के मंदिर में  भ्रष्टाचार का आलम यहीं  नहीं थमता।


अंकसूची के नाम पर अबोध बालकों से कमां रहे काली कमाई 


  विद्यालय में पहुंची मीडिया की टीम ने जब कक्षा में बच्चों से बात किया तो क्लास के सभी बच्चे एक आवाज में प्राचार्य महोदय सहित शिक्षकों की पोल खोल  कर रख दी बच्चों ने साफ तौर पर कहा कि एक अंकसूची देने के एवज में देने पड़ते हैं सौ से डेढ़ सौ रुपए अगर जिस गरीब के पास  पेन खरीदने के लिए पैसा नहीं है वह ₹100 कैसे दे सकता है ऐसे में उसे अंकसूची नहीं मिल पाई है ऐसे कई बच्चे हैं जिनकी पैसे की वजह से आज भी अंकसूची प्राचार्य रोक कर रखे हैं।

वही जब मामले को लेकर मीडिया की टीम ने स्कूल के प्राचार्य महोदय से संपर्क करने का प्रयास किया तो प्राचार्य महोदय कैमरे से भी भागते रहे और फोन पर भी जवाब नहीं दिए गले में घेंघा रोग का हवाला देकर  बात को खारिज कर दिए हैं।

 यही नहीं जिला शिक्षा अधिकारी भी यह जानकारी देने से परहेज करते रहे फिलहाल मीडिया की टीम ने जो जानकारी जुटाई है उसके मुताबिक कई लाखों का आया हुआ पुताई का फंड विद्यालय प्रबंधन डकार गए है अब देखना यह होगा क्या खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन के कान खड़े होते हैं  ऐसे भ्रष्टाचारी प्राचार्य के ऊपर कठोर कार्यवाही की जाती है या नहीं।

संवाददाता:आशीष सोनी

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