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निर्दलीय लड़ेंगे बीजेपी के मौजूदा विधायक केदारनाथ शुक्ला,मुलताई के प्रत्याशी को कमीशनखोर बताकर विरोध, 25 सीट पर कैंडिडेट बदलने की डिमांड

 निर्दलीय लड़ेंगे बीजेपी के मौजूदा विधायक केदारनाथ शुक्ला,मुलताई के प्रत्याशी को कमीशनखोर बताकर विरोध, 25 सीट पर कैंडिडेट बदलने की डिमांड





मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी द्वारा अब तक जिन 79 सीटो पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से कुछ सीट पर प्रत्याशियों के खिलाफ विरोधी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीधी से टिकट नहीं मिलने पर मौजदा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। मुलताई के प्रत्याशी को पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता कमीशनखोर बताकर टिकट बदलने की मांग कर रहे हैं।

गुनौर के पूर्व बीजेपी विधायक महेंद्र बागरी, चांचौड़ा की पूर्व बीजेपी विधायक ममता मीणा टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे चुकी हैं। बीजेपी अब तक तीन सूची जारी कर 79 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इनमें सीधी, नरसिंहपुर, मैहर को छोड़ दें तो बाकी सभी सीट बीजेपी 2018 के विधानसभा चुनाव में हार गई थी।

इन सीट्स से उठे प्रत्याशी के लिए विरोध के सुर


श्योपुर

दुर्गालाल विजय को टिकट मिला। बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष बिहारी सिंह सोलंकी ने निर्दलीय लड़ने की चेतावनी दी है।

सोलंकी के अलावा बीजेपी के नेता दुर्गालाल का खुलकर विरोध कर रहे हैं।अंबरीश शर्मा को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पूर्व विधायक रसाल सिंह ने विरोध किया है।

पिछले चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी रहे रोमेश महंत भी नाराज बताए जा रहे हैं।

गोहद

यहां से लाल सिंह आर्य को टिकट मिला है। कुशवाहा समाज ने विरोध किया था।

सिंधिया समर्थक रणवीर जाटव के समर्थकों ने खून से पत्र लिखा था।

जिसे टिकट मिला मिला, उसने पिछले चुनाव में बीजेपी को हराया


भितरवार

सिंधिया समर्थक मोहन सिंह राठौर को टिकट मिला है। बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता और दावेदार राठौर के प्रचार से दूरियां बना रहे हैं।

सेंवढ़ा

प्रदीप अग्रवाल को यहां BJP ने उम्मीदवार बनाया है। वे पहले विधायक रह चुके हैं।

2018 में प्रत्याशी रहे कालीचरण कुशवाहा ने संगठन से उम्मीदवार बदलने की मांग की है।

कुशवाह का कहना है कि वे बगावत नहीं करेंगे, लेकिन अग्रवाल का प्रचार करने भी नहीं जाएंगे।

करैरा

रमेश खटीक को प्रत्याशी बनाने पर पूर्व विधायक राजकुमार खटीक पिछली बार की हार का बदला लेने के मूड में हैं।

राजकुमार का कहना है कि रमेश खटीक ने पिछली बार सपाक्स से चुनाव लड़कर बीजेपी को हरवाया था।

सिंधिया समर्थक जसवंत जाटव भी टिकट कटने से नाराज हैं।

बीजेपी की पूर्व विधायक आम आदमी पार्टी से उम्मीदवार


चाचौड़ा

प्रियंका मीणा को टिकट देने पर ममता मीणा ने बीजेपी छोड़ दी।

बीजेपी से पूर्व विधायक ममता इस बार आम आदमी पार्टी से प्रत्याशी हैं।

राघोगढ़

हीरेंद्र सिंह को टिकट देने पर यादव समाज नाराज है।

बीजेपी अध्यक्ष को लेटर लिखकर यादव समाज का उम्मीदवार बनाने की मांग की है।

चंदेरी

जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को उम्मीदवार घोषित किया गया है।

2018 के उम्मीदवार रहे भूपेंद्र द्विवेदी निर्दलीय चुनाव लड़ने के मूड में हैं।

पूर्व सांसद के बेटे कमलनाथ से कर चुके मुलाकात


बंडा

बंडा विधानसभा से वीरेंद्र सिंह लंबरदार को प्रत्याशी बनाया गया है।

पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर यादव खुलकर विरोध कर रहे हैं।

सुधीर यादव सुरखी से BJP के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। वे कमलनाथ से भी मुलाकात कर चुके हैं।

उदयपुरा

नरेंद्र शिवाजी पटेल को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पूर्व विधायक रामकिशन पटेल ने प्रत्याशी बदलने की मांग की है।

रामकिशन का आरोप है कि 2018 के चुनाव में नरेंद्र के परिवार ने बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया था।

पूर्व नपाध्यक्ष ने दिखाए बगावती तेवर

महाराजपुर

बीजेपी के दावेदार यहां से उम्मीदवार कामाख्या प्रताप सिंह के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं।

हालांकि इस सीट पर बीजेपी के दावेदार कांग्रेस का टिकट घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं।

कांग्रेस ने भी मौजूदा विधायक का टिकट काटा तो बीजेपी के दावेदार एक नेता को निर्दलीय खड़ा कर सकते हैं।

छतरपुर

ललिता यादव को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पूर्व नपाध्यक्ष अर्चना सिंह बगावती तेवर दिखा रही हैं।

टिकट घोषित होने के बाद अर्चना कई सार्वजनिक कार्यक्रम कर अपनी ताकत का अहसास करा चुकीं हैं।

गुनौर

राजेश वर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पूर्व विधायक महेंद्र बागरी ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है।

टिकट की दूसरी दावेदार अमिता बागरी ने संगठन को टिकट बदलने की मांग की है।

अमिता का कहना है कि यदि संगठन प्रत्याशी नहीं बदलता है तो वे गुनौर में बीजेपी का प्रचार नहीं करेंगी।

बीजेपी की नाराज लॉबी निर्दलीय उतारेगी उम्मीदवार


सतना

गणेश सिंह को टिकट देने से पूर्व विधायक शंकरलाल नाराज हैं।

बीजेपी की नाराज लॉबी उन्हें निर्दलीय या किसी दल से चुनाव लड़ाने की कवायद में जुटी है।

चित्रकूट

सुरेंद्र सिंह गहरवार के विरोध में भाजपा कार्यसमिति सदस्य सुभाष शर्मा डोली ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है।

सुभाष ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और चुनाव लड़ने के लिए तैयारी में जुटे हैं।

मैहर

श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट मिला है। वर्तमान विधायक नारायण त्रिपाठी ने टिकट मिलने के दिन वीडियो जारी कर विरोध जताया।

त्रिपाठी ने कहा कि बीजेपी में सांसदों को विधायक और विधायकों को सरपंची का चुनाव लड़ाने का काम किया जा रहा है।

सीधी

सांसद रीति पाठक को टिकट देने के बाद वर्तमान विधायक केदारनाथ शुक्ला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

प्रत्याशी के परिवार को सनातन विरोधी बताकर विरोध


परासिया

ज्योति डेहरिया का टिकट घोषित होने पर पूर्व विधायक ताराचंद बावरिया विरोध कर रहे हैं।

पांढुर्णा

प्रकाश उईके को बाहरी बताकर स्थानीय कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं।

अमरवाड़ा

बीजेपी के कार्यकर्ता प्रत्याशी मोनिका शाह बट्‌टी के परिवार को सनातन विरोधी बताकर विरोध कर रहे हैं।

मुलताई

चंद्रशेखर देशमुख को टिकट मिलने पर बीजेपी समर्थक जिला पंचायत सदस्य उर्मिला रोहाडे भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंची।

उन्होंने पदाधिकारियों से टिकट बदलने की मांग की।

पूर्व विधायक कर चुके बड़ा शक्ति प्रदर्शन


राऊ

मधु वर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा के समर्थक विरोध कर रहे हैं।

भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय में मधु वर्मा के समर्थक प्रदर्शन कर चुके हैं।

नागदा-खाचरोद

डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया था।

देपालपुर

मनोज पटेल को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उनका विरोध हो रहा है।

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