ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया, गांव के बाहर बैनर लगाया, चुनाव - प्रचार के लिए यहां प्रवेश पर प्रतिबंध
जिले के भीमपुर खंड के गांव पातरी में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। ग्रामीणों ने गांव के बाहर चुनाव बहिष्कार का बैनर लगाकर यहां चुनाव प्रचार के लिए आने वाले नेताओं को बन कर दिया है। ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं के न मिलने से त्रस्त है। जिले के आदिवासी बहुल भीमपुर विकासखंड के संघन वनों से आच्छादित भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पातरी के रैयतवाड़ी के आदिवासी आजादी के 75 वर्ष बाद भी बिजली सड़क जैसी मूलभूत बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रदेश में बीजेपी हो या कांग्रेस सभी ने कई वर्षों तक राज किया और आदिवासियों को प्रलोभन देकर अपना वोट बैंक बनाया, लेकिन विकास की किरणों से दूर यह गांव के वाशिंदे केवल अंधकार में दीपक की टिमटिमाती रोशनी में जीवन - यापन करने को मजबूर है।
राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें सिर्फ लॉलीपॉप दिखलाया है। अब 2023 में फिर चुनाव होना है। लेकिन अब ग्राम वासियों ने औचित्यहीन राजनीति को ठुकरा कर चुनाव का बहिष्कार करने की ठान ली है। इस गांव की बदकिस्मती है। कि यह बिजली सड़क जैसी अन्य जैन सुविधाओं से मोहताज है। वे आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक नेताओं चाहे वह किसी भी दल का हो, उसे गांव में प्रचार करने नहीं आने देंगे। इन्होंने हर बार चुनाव में झूठे वादे कर बिजली सड़क और पानी उपलब्ध कराने लेकिन आवश्यक जन सुविधाओं से आदिवासी मोहताज है। बिजली लगाने के नाम पर बिजली के पोल गांव में शोपीस बनकर पड़े हैं जो मूक गवाह है।
इस गांव में बिजली नहीं है। लोग अंधेरे में जीवन - यापन करने को मजबूर है। इसलिए हम सभी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करने का पक्का मन बना लिया है।
संवाददाता : विशाल कुमार धुर्वे
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