जल संसाधन विभाग में एक भी नही हैं सहायक यंत्री जल संसाधन विभाग में स्टाफ की कमी
जल संसाधन विभाग संभाग सिंगरौली में एक भी सहायक यंत्री नही हैं। तीन उपयंत्रियों को सहायक यंत्रियों का अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है । यह उक्त पद कुछ सालों से रिक्त है। रिक्त पदों के पूर्ति के लिए शासन स्तर से कोई सार्थक प्रयास नही किये जा रहे हैं। जिसके चलते जल संसाधन विभाग का कामकाज पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है।
दरअसल जल संसाधन विभाग सिंगरौली स्टाफ की समस्या से जूझ रहा है। सर्वेयर से लेकर लिपिक, भृत्य, जलाशयों को देख-रेख सहित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री का टोटा है। आलम यह है कि जिले के जल संसाधन विभाग सबडीविजन बैढऩ, चितरंगी, देवसर निवास एवं डीविजन कार्यालय बैढऩ सहित कुल मौजूदा समय में 41 कर्मचारी कार्यरत है । जब की रिक्त पदों की संख्या कार्यरत कर्मचारियों की तुलना में दो गुना है। मौजूदा समय में चितरंगी बैढऩ सेक्टर में 15, देवसर में 6, निवास में 8, डीविजन कार्यालय में 4 अधिकारी-कर्मचारियों की सेवायें ली जा रही हैं। वही सबसे हैरानी की बात है कि जिले में तालाब व जलाशय की संख्या तकरीबन बैढऩ, चितरंगी, देवसर मिलाकर कुल संख्या 2 दर्जन है। किंतु इसके देख-रेख के लिए केवल एक ही कर्मचारी है। साथ ही काचन नहर की कुल लम्बाई तकरीबन 85 किलामीटर है और इसके देख-रेख के लिए केवल दो कर्मचारी तैनात किये गये है। इतना ही नही सबसे बड़ी समस्या उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को लेकर है । जल संसाधन विभाग के पूरे डीविजन में 11 पद उपयंत्री एवं 3 पद सहायक यंत्री के स्वीकृत है। लेकिन वर्तमान समय में एक भी सहायक यंत्री नही है। वही उपयंत्रियों के 11 पदों में से केवल 5 उपयंत्री ही पदस्थ हैं। उनमें से 3 उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का प्रभार सौप दिया गया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जल संसाधन विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ न होने से जल संसाधन का काम-काज पूरी तरह से अस्त-व्यस्त होकर प्रभावित हो गया है। यहां के जिम्मेदार अधिकारी ने कई बार राज्य सरकार के साथ-साथ प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग को भी स्टाफ की कमी के संबंध में कई पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया है। इसके बावजूद पद की पूर्ति नही हो पा रही है। लिहाजा उक्त विभाग की समस्या से जूझ रहा है।
दो उपयंत्रियों के सहारे जल संसाधन विभाग
जल संसाधन विभाग में स्वीकृत उपयंत्रियों की कुल पदों की संख्या 11 है। किंतु मौजूदा समय में 5 उपयंत्री ही कार्यरत हैं। इनमें से 3 उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का भी अतिरिक्त प्रभार सौप दिया है । हालांकि सूत्र बताते हैं कि यही प्रभारी सहायक यंत्री एक साथ दो-दो पदों का कार्य देख रहे हैं। जरूरत पडऩे पर उपयंत्री की भूमिका में रहते हैं। फिलहाल उक्त विभाग के पास सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के पद रिक्ति होने से जहां कामकाज प्रभावित है । वही दफ्तर भगवान भरोसे चल रहा है। सरकार भले ही सिचाई का रकवा बढ़ाने का दावा कर रही है लेकिन धरातल पर विभाग की क्या स्थिति है। महज इसी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है
संवाददाता : आशीष सोनी
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