क्या नवागत आयुक्त के सामने खुलेगी पीएम आवास में हुए
घोटाले की फाइल ?
कई वर्षों से धूल फांक रही जांच फाइल,एक अधिकारी पर रिश्तेदार को आवास आवंटित करने का आरोप नगर पालिका निगम के नवागत आयुक्त डीके शर्मा के पदभार ग्रहण करते ही नगर निगम में फैली भारी अव्यवस्था ठीक होते नजर आ रही है। नवगात आयुक्त ने पदभार ग्रहण करते ही स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयुक्त के सख्त कार्य प्रणाली को कुछ अधिकारी वाहवाही कर रहे हैं तो कुछ अधिकारियों के माथे पर पसीने छूटने लगे हैं। अभी हाल में ही आयुक्त ने नगर निगम की सेंट्रल स्टोर में हुई भारी गोलमाल के जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही जांच टीम गठित कर 15 दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। चर्चा है की आयुक्त की कार्यप्रणाली अगर ऐसी ही रहे तो निश्चित ही शहर के विकास में तेजी आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। आयुक्त श्री शर्मा के वर्तमान कार्यप्रणाली से अब तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कई वर्षों के पुराने भ्रष्टाचार का भी पर्दाफाश होकर रहेगा। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही कि वर्षों से बंद कमरे में धूल फांक रही शहरी पीएम आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार की फाइल को नवगात आयुक्त खगालाने का प्रयास अवश्य करेंगे। जांच के पश्चात नियम विरुद्ध जो आवास आवंटित किए गए हैं उन आवासों को रद्द करने की प्रक्रिया आरंभ करेंगे। साथ ही वास्तविक जरूरतमंदों को आवास आवंटित करने का कार्य कर सकते है। आवास संख्या 42/01 व 42/02 की चर्चा तेज नगर पालिका निगम में दर्जनों आयुक्त बदले लेकिन निगम में फैली भ्रष्टाचार रूपी अव्यवस्था नहीं बदल सकी। उसके पीछे का सबसे मुख्य कारण यह है कि निचले स्तर के भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग रहा है। निचले स्तर के अधिकारियों का तबादला न होने से अव्यवस्था सुधारने का नाम नहीं ले रही। इसके कई ताजा उदाहरण है। गनियारी वार्ड क्रमांक 41 में बने शहरी पीएम आवास योजना में आवास संख्या 42/01 व 42/02 की चर्चा नगर निगम के अधिकांश कर्मचारियों की जुबां पे है। आखिर उक्त आवास के चर्चाओं के पीछे का क्या रहस्य है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। परंतु नगर निगम के सूत्रों की माने तो यह आवास एक चर्चित व दर्जनों प्रभार से लैस अधिकारी के रिश्तेदारों मिसिर जी के नाम पर आवंटित किया गया है। खैर स्पष्ट रहस्य तो जांच के बाद ही सबके समक्ष आएगा। घोटाला उजागर करना आयुक्त के लिए चुनौती भरा सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास योजना जिसका उद्देश्य गरीब निर्धन ऐसे लोग जिनके पास पूरे मध्यप्रदेश में जमीन न हो ऐसे लोगो को योजना के तहत आवास का लाभ दिलाना है। लेकिन सिंगरौली जिले के शहरी पीएम आवास योजना में निर्धन नही धनी लोगो को योजना का लाभ मिला हैं। अधिकारियों के लापरवाही से वास्तविक जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिला है। नगर पालिका निगम सिंगरौली के आयुक्त के सामने शहरी पीएम आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच फाइल अगर खुलती है तो कई लोगों का नाम सामने आ सकता है। हालांकि इस योजना में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करना उनके लिए चुनौती भरा होगा। फिलहाल वर्तमान समय को देखते हुए यह उम्मीद है की आगामी दिनों में जांच हो सकती है। आरोप है की गनियारी में बने पीएम आवास योजना में जमकर धांधली हुईं है। ऐसे मकान आवंटित किए गए हैं जिनके पास पूर्व से धन बल संपन्न है अगर प्रत्येक बिंदु पर गहनता पूर्वक जांच हुई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा।
संवाददाता : कृष्णा विश्वकर्मा
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