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पशुओं को गर्मी में राहत देने का कार्य कर रहे पुलिस कर्मी बेल का शरबत बनाकर पशुओं को पहुंचा रहे राहत

 पशुओं को गर्मी में राहत देने का कार्य कर रहे पुलिस कर्मी बेल का शरबत बनाकर पशुओं को पहुंचा रहे राहत

बेल का शरबत इंसानों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी अमृत है। बेल और गुड़ से बना शरबत पीकर गायें स्वस्थ हो रहीं हैं। भीषण गर्मी में बेहाल जानवरों की तकलीफ देखकर सागर का एक पुलिसकर्मी टाइम निकाल कर बेल एकत्रित करते हैं। गोशालाओं में बेल का शरबत बनाकर गायों को पिला रहे हैं। बेल शरबत से बीमार गाय भी चंद घंटे में स्वस्थ हो जाती हैं।कर्मचारी विगत 3 साल से गोशालाओं में बेल लेकर पहुंचते हैं और गर्मी के सीजन में बीमार गायों को बेल का सरबत पिला रहे हैं। इस कार्य में ग्राम रक्षा समिति की सदस्य महिलाएं और आजीविका के एक अधिकारी भी उनका सहयोग कर रहे हैं। यह तथ्य पशु चिकित्सक भी मानते हैं कि बेल का फल पशुओं के लिए भी बेहद लाभदायक है। वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. बीके शर्मा की मानें तो बेल में विटामिन डी, पोटेशियम, केल्शियम, जस्ता, तांबा, आयरन, प्रोटीन पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। लिवर फंक्शन को सुधारकर पाचन तंत्र को मजबूत करता है। पशुओं में दर्द, दस्त में बेहद फायदे मंद होता है। गर्मी के सीजन में बेल को गुड़ वा पानी के साथ मिलाने पर यह पशुओं के लिए अमृत समान हो जाता है।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय में रीडर के पद पर पदस्थ अरविंद ठाकुर ने बताया कि बेल सरबत पशुओं के लिए बेहद लाभदायक होने का पता उन्हें 3 साल पहले चला जब वे जैसीनगर की बांसा गोशाला गए थे। वहां एक बछिया गर्मी में इतनी बेहाल थी 3 दिनों से उठ नहीं पा रही थी, तब उसे बेल-गुड़ का फ्रेश सरबत पिलाया तो बछिया एक घंटे में स्वस्थ हो गई। तभी उन्होंने सोचा कि बेल तो सभी जगह लगे रहते हैं, इनका उपयोग कर गोसेवा शुरू की जा सकती है। तभी से हमने गोशालाओं और विभिन्न सोशल मीडिया में ये जानकारी डाली और मैंने स्वंय बेल को एकत्रित करने का कार्य शुरू कर दिया था। गढ़ौला जागीर, पड़रिया, बांसा और रेंगाझोली गांव की गोशालाओं में बेल उपलब्ध कराते हैं ताकि गर्मी में गायों को पर्याप्त मात्रा में सरबत पिलाया जा सके। इसके लिए वह आसपास के बेल के पेड़ों से फल तोडकऱ देते हैं और सरबत बनाने की विधि बताते हैं। कुछ जगहों पर जहां पानी का पीएच कम होता है वहां पर गुड़ और पानी के अलावा निर्धारित मात्रा में भस्म भी मिलाते हैं। इससे कई बीमार गाय ठीक हो गईं हैं। गर्मी के अलावा बीमारियों से राहत मिल जाती है।-इस वर्ष बेल पकने में थोड़ा समय लग रहा है, अभी गढ़ौला जागीर की गोशाला में ग्राम रक्षा समिति की महिलाओं व आजीविका के अधिकारी अनूप तिवारी की मदद से गायों को बेल ज्यूस उपलब्ध कराया गया है। जैसे ही बेल उपलब्ध होते हैं तो उन्हें गोशाला भेजा जाता है।

संवाददाता : रविन्द्र सिंह दांगी

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