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स्व सहायता समूहों के आड़ में जमकर की जा रही है राशि की बंदरबाट

 स्व सहायता समूहों के आड़ में जमकर की जा रही है राशि की बंदरबाट

स्व सहायता समूहों के आड़ में आजीविका मिशन का कुछ अमला राशि में जमकर बंदरबाट किया है। अब धीरे-धीरे यह मामला प्याज के छिलकों के तरह परत दर परत धीरे-धीरे खुलने लगा है। माना जा रहा है कि चितरंगी ब्लॉक में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किये के संकेत मिल रहे हैं।

गौरतलब है कि चितरंगी ब्लॉक में विगत चार वर्षों के दौरान महिला स्व सहायता समूहों के आड़ में म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन विकास खण्ड चितरंगी में समूहों को कर्ज मंजूर कर राशि में व्यापक पैमाने पर गोलमाल एवं राशि की बंदरबाट किये जाने के मामले धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। जहां इन दिनों पूर्व में पदस्थ ब्लॉक परियोजना प्रबंधक संसार सिंह का नाम सुर्खियों में है। सूत्र बताते हैं कि मुर्गी पालन, बकरी पालन सहित अन्य योजनाओं के राशि में जमकर हेरफेर किया गया है। चर्चाएं यहां तक है कि साधना स्व सहायता समूह भूर्तियां टोला के सिर्फ दो सदस्य सरोज एवं सीता हस्ताक्षर करती हैं। शेष अंगूठाटेक हैं। इसी तरह अन्य समूह जिसमें साधना भी शामिल है। बताया जा रहा है कि स्व सहायता समूह के अधिकांश महिलाएं निरक्षर होने का भरपूर फायदा आजीविका मिशन विकास खण्ड चितरंगी के कई अमले ने जमकर उठाया है। अभी भी इस तरह का खेला चल रहा है। यदि सूत्रों की बात माने तो जिस स्व सहायता समूह में सक्रिय एवं पढ़ी-लिखी महिलाएं हैं। आजीविका मिशन अमले को ऐसे ज्यादातर महिलाओं के कामकाज पर अड़ंगेबाजी भी लगाते आ रहे हैं। उसका मुख्य कारण यही बताया जा रहा है कि आजीविका मिशन के अमले के अनुसार कामकाज न कर सरकार के द्वारा तय गाइड लाईन के अनुसार चल रही है। इसका उदाहरण श्रुतिका स्व सहायता समूह का है। जहां समूह के सचिव जय कुमारी मौर्या को आर्थिक अनियमितता के आरोप में समूह के द्वारा हटाया दिया गया। जबकि कि जय कुमारी का कहना है कि मेरा मानदेय कई महीनों का नही दिया गया। यह कार्रवाई सोची समझी रणनीति के तहत की गई है। समूह के खाते में सीआईएफ एवं गणवेश सहित पॉच लाख रूपये है और इस राशि पर आजीविका मिशन के स्थानीय अमला टकटकी लगाये हुये हैं। जहां पिछले वर्ष तत्कालीन ब्लॉक परियोजना प्रबंधक ने खेला भी कर दिया। वही आजीविका मिशन की गतिविधियों व कामकाजों को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं की जाने लगी हैं। उक्त विभाग के अमले की कार्यप्रणाली को लेकर कई लोगों ने इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने पर जोर देने लगे हैं।
प्रस्ताव बैठक में तारीखों में गोलमाल, शक की सुई घुमी
आजीविका मिशन ब्लॉक चितरंगी क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर डीएमएफ से मिली रकम में गोलमाल करने का मामला सामने आ रहा है। सबसे बड़ा उदाहरण स्व सहायता समूह राशि आहरण करने के पहले बैठक आयोजित की जाती है। जहां बैंक से राशि आहरण करने के लिए प्रस्ताव में समूह के सदस्यों की मंजूरी होती है। साधन स्व सहायता समूह ग्राम भूर्तिया टोला की बैठक में प्रस्ताव पास कर डेढ़ लाख रूपये बैंक से आहरण करने की हरी झण्डी मिल गई। लेकिन प्रस्ताव में बैठक की तारीख का जिक्र नही है। प्रस्ताव में तारीख के लिए जगह छोड़ दिया गया था। हालांकि तत्कालीन सहायक विकास खण्ड प्रबंधक का हस्ताक्षर है और नीचे 18 जुलाई 2023 लिखा है। लेकिन प्रस्ताव की बैठक कब हुई इसपर भी बड़ा सवाल खड़ा किया जा रहा है। इसी तरह एक अन्य दुर्गा स्व सहायत समूह फुटहड़वा का है। राशि आहरण के प्रस्ताव व हस्ताक्षर में तिथि में भी गोलमाल कर दिया गया है। हैरानी की बात है कि संबंधित बैंक भी प्रस्तावों के तारीखों पर नजर अंदाज कर दिया है।
राशि आहरण होती रही, अध्यक्ष को पता तक नही
आजीविका मिशन से जुड़ी मॉ शारदा स्व सहायता समूह भूइधरवा के अध्यक्ष तुरंती देवी ने तत्कालीन ब्लॉक परियोजना प्रमुख संसार सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। इन का आरोप है कि दो किस्तों में क्रमश: 1 लाख 35 हजार एवं 1 लाख 17 हजार आहरण करा लिया गया और इसकी जानकारी अब हो रही है। चर्चाओं के मुताबिक समूहों से वसूली के लिए वसूलीबाज भी सक्रिय हैं और बकायदे नजराना सुविधा शुल्क वसूल कर बंदरबाट करते हैं। इस तरह का खेला आदिवासी क्षेत्र में जमकर हुआ है। वही अब चर्चा है कि तुरंती देवी के उक्त आरोपों में कितना दम है यह तो अभी कह पाना मुश्किल लग रहा है। उच्च स्तरीय जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी
संवाददाता : आशीष सोनी

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