बैतूल में एक हजार बहनों का भाई राखी बंधवाने के लिए लगवाना पड़ता है टेंट पिछले 26 सालो से बंधवाते है राखी
रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर सजने वाली राखियां जहां भाइयों को बहन के प्यार दुलार से भर देती है। वही बहनों के स्नेह को और ज्यादा बढ़ा देती है। आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाएंगे जिनकी कलाई रक्षाबंधन पर राखियो से भर जाती है। जिनकी एक दो बहने नहीं बल्कि एक हजार से ज्यादा बहने है। जिन्हें राखी बंधवाने के लिए शहर के हर वार्ड हर इलाके में पहुंचना पड़ता है। बहनों की बड़ी तादाद के चलते उन्हें धर्मशाला में राखिया बंधवानी पड़ती है। बहनों का दुलारा यह भाई बैतूल का है जो बहनों के हर दुःख तकलीफ को दूर करने हमेशा तैयार रहता है। तस्वीर में बहनों से घिरे .. ये है बैतूल के राजेंद्र सिंह चौहान उर्फ़ केन्डू बाबा .. पेशे से पान व्यवसाई यह शख्स शहर के हर वार्ड हर इलाके की महिलाओं में खासा लोकप्रिय है। महिलाओं के इस भाई की एक हजार से ज्यादा बहने है जो इन्हें रक्षा बंधन पर राखी बांधकर इस पवित्र रिश्ते को और ज्यादा मजबूत बनाती है। दरअसल, इलाके के नल पानी नहीं उगल रहे हो, साफ़ सफाई का मामला हो या फिर सामाजिक सुरक्षा या फिर वृद्धावस्था पेंशन का मामला, बच्चो की कोई समस्या हो या फिर भृषटाचार से जुड़ा कोई सवाल केन्डू बाबा हर मर्ज का इलाज करने इन महिलाओं के साथ खड़े नजर आते है। समस्याओं को सुलझाने.. मोर्चा निकालने से लेकर धरना प्रदर्शन और ज्ञापन, आवेदन तक के लिए केन्डू बाबा की मदद इन महिलाओं के साथ होती है। अपना काम धंधा छोड़कर यह शख्स मैदान में उतर जाता है और फिर तभी पीछे हटता है। जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता। यही वजह है कि बाबा की एक दो नहीं एक हजार से ज्यादा बहने पिछले 26 सालो से अब तक बन चुकी है। जिन्हें राखी बांधने के लिए कभी वार्डों में इकट्ठा होना पड़ता है। कई जगह टेंट लगाकर अपने इस भाई की आरती उतारनी पड़ती थी। हालांकि, अब एक धर्मशाला में राखी बांधने का कार्यक्रम होता है। केंडु बाबा को राखी बांधने मेला सा लग जाता है। बहने ऐसा भाई पाकर खुद को धन्य समझती है।
संवाददाता : विशाल कुमार धुर्वे
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