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गजब की अनदेखी:जिस सड़क से गुजर रहे कमिश्नर साहब उसी में भ्रष्टाचार,फिर भी नहीं पड़ रही नजर

 गजब की अनदेखी:जिस सड़क से गुजर रहे कमिश्नर साहब उसी में भ्रष्टाचार,फिर भी नहीं पड़ रही नजर

माज़न मोड से इंद्रा चौक तक सड़क की मरम्मत कार्य की गुणवत्ता पर उठे सवाल,नहीं हो रही कार्य की मॉनिटरिंग नगर निगम में क्या से क्या हो रहा है,वर्तमान परिस्थिति को मद्देनजर आगे क्या होगा ये सस्पेंस अभी भी बरकरार है। क्योंकि यहां रोजाना भ्रष्टाचार से जुड़े कुछ ना कुछ कारनामे देखने,सुनने को मिल ही जातें हैं। गजब तो तब हो गया जब नगर निगम की कमिश्नर के आंखों के सामने ही भ्रष्टाचार को पनाह दिया जा रहा हो और कमिश्नर साहब लग्जरी वाहन में वातानुकूलित तरीके से चुपचाप निकल जा रहे हैं। इस परिस्थिति में उनसे जांच की उम्मीद करना यानी दिल्ली पैदल जाने के बराबर होगा। खैर हमारा कार्य तो समाचार लिखना है जो आगे भी करते रहेंगे। मामला माजन चौक से इंद्रा चौक तक बने मॉडल रोड के मरम्मत कार्य से जुड़ा है। सूत्रों की माने तो संविदाकार द्वारा 30 से 40% बिलों रेट में कार्य प्राप्त कर अब घटिया तरीके से मरम्मत का कार्य कर रहा है, लेकिन महीने से चल रहे इस मरम्मत कार्य में साहब ने एक मिनट के लिए भी निरीक्षण करने की रुचि नहीं रखी जबकि वही इस सड़क से रोजाना दफ्तर आ जा रहे है। यानी दिन में एक बार घर से दफ्तर,दफ्तर से घर दोपहर लंच में शाम को घर से दफ्तर, और अंतिम में दफ्तर से घर जाएंगे। 

4 साल में ही उखड़ गई सड़क 

वैसे तो नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत हो रहे स्मार्ट सिटी योजना के तहत निर्माण सड़क, जरूरत के हिसाब से निर्माण सड़क या समस्त प्रकार की बनी सड़कों की वारंटी 5 वर्ष तक रहती है। लेकिन मजान मोड से लेकर इंद्रा चौक तक बनी मॉडल सड़क की गारंटी 4 वर्ष तक की बताई जा रही है। उक्त बात की जानकारी नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी कार्यपालन यंत्री ने दूरभाष के माध्यम से बताई है। सवाल करने में उनका जवाब मिला कि कुछ नियम है उस नियम के तहत इस सड़क की गारंटी चार वर्ष है। अब यह कौन सा नियम है यह तो कार्य पालन यंत्री ही जानेंगे लेकिन वास्तविकता तो यह है कि 4 साल में करोड़ों की लागत से बनी सड़क फिलहाल जर्जर हो चुकी है।जगह जगह गड्ढे हो गया है। अब उन्हीं जर्जर को ठीक करने के लिए पुनः 30 से 40 लाख का टेंडर निकाल कर मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। अब मरम्मत कार्य में कितनी गुणवत्ता है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगी..?

नगर निगम में विकास कार्य की नहीं होती मॉनिटरिंग

नगर निगम के अंतर्गत हो रहे निर्माण व विकास कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। जिम्मेदारों के द्वारा कार्य को समय के अनुसार देख-रेख न करने से नतीजा यह निकल रहा है कि संविदाकार मनमानी तरीके से घटिया कार्य पर उतारू होते हैं। मजान चौक तक बनी सड़क के मरम्मत कार्य में जमकर लापरवाही हो रही है। वैसे देखा जाए तो  कमिश्नर साहब इसी सड़क से एक दिन में चार टाइम गुजरते हैं लेकिन कमिश्नर साहब के जहन में कार्य की निरीक्षण की बात नहीं आई। अगर निगम के जिम्मेदारो के द्वारा देख रेख की जाती तो निश्चित ही कार्य गुणवत्ता जनक होता  लेकिन यहां तो सब चौपट नजर आ रहा है उम्मीद करना व्यर्थ है।

संवाददाता : पंकज तिवारी

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