आधा सैकड़ा स्व सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने मिला प्रशिक्षण
महिलाओं को आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की नई राह
हिंडालको महान एल्युमिनियम के कॉर्पोरेट सीएसआर के अंतर्गत संचालित योजनाओं ने सिंगरौली की महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।
हिंडालको महान द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट जीवनोत्कर्ष के माध्यम से 50 से अधिक निष्क्रिय स्वयं सहायता समूहों एसएचजीएस को पुन: सक्रिय किया गया है। जिससे महिलाएं छोटी-छोटी बचत और स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं। वही प्रोजेक्ट जीवनोत्कर्ष ने जिले में 500 से अधिक महिलाओं को अल्प बचत और स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया है। महिलाएं अब गौ पालन, मधुमक्खी पालन और खेती जैसी गतिविधियों में संलग्न होकर आय अर्जित कर रही हैं जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। साथ ही हिंडालको महान के सीएसआर विभाग द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट बोधम ने महिलाओं और युवाओं को डिजिटल साक्षरता का नया आयाम दिया है। इस परियोजना के तहत महिलाओं को कंप्यूटर और डिजिटल उपकरणों का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के नए अवसर दिए गए हैं। जिससे वे डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बना रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं। स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए प्रोजेक्ट निरोगम के तहत महिलाओं को स्वच्छता सखी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इन स्वच्छता सखियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनों के जरिये सस्ते दर पर सैनिटरी पैड वितरित किए जा रहे हैं। जिससे महिला स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
संवाददाता : आशीष सोनी
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