Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

महाकाल की कृपा से जियावन में होता है अवैध कारोबार

 महाकाल की कृपा से जियावन में होता है अवैध कारोबार

कोयला,कबाड़,रेत,नशा के कारोबारों पर संरक्षण देने का आरोप,रात्रि में होती है वसूली

एसपी ने किया था लाइन अटैच, राजनीतिक सिफारिश से पुनः जियावन थाने में हुई वापसी

 जिला मुख्यालय से करीब- करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर ग्रामीण अंचल के बीच स्थित जियावन थाना जिले भर के थानों से अपना एक अलग हटकर यूनिक पहचान बनाया है। थाने को एक अलग पहचान दिलाने का मुख्य श्रेय थाने व थानेदार के खासम खास महाकाल को जाता है। क्योंकि महाकाल के बदौलत ही जियावन थाना का वजूद आज भी जिंदा है।  है। वैसे तो संपूर्ण देवसर क्षेत्र जियावन थाने के कारखास महाकाल को भली-भांति जानते,पहचानते हैं क्योंकि महाकाल साहब का नाम जितना ही खतरनाक है,उतना ही उनके कारखासी के तौर तरीका भी  खतरनाक है। मजाल है कि उनके अनुमति के बिना एक परिंदा भी पर मार लें। बिना उनके शरण में जाए अवैध कारोबार संचालित नहीं होता है। लोग कहते हैं की जियावन थाने का पूरा कंट्रोल महाकाल के हाथ में है। थाने के अन्य पुलिस कर्मी उनके कार्य में दखल नहीं देते हैं। ये पूरा वाकया हम नहीं लोग कह रहे है। अब इन बातों में कितनी सत्यता है यह तो जांच का विषय है लेकिन महाकाल की कार्यप्रणाली तो वाकई चर्चाओं में बनी रहती है। अभी हाल में एसपी साहिबा ने शिकायत मिलने पर लाइन अटैच किया था, लेकिन राजनीतिक पकड़ के कारण दो दिन के भीतर पुनः जियावन में थाने में आमद दर्ज कर एक बार पुनः कारखासी की बागडोर संभाल ली है।

महाकाल की कृपा से होता है अवैध कारोबार

ऐसा कहा जाता है कि जियावन थाना क्षेत्र अंतर्गत किसी भी प्रकार का अवैध कारोबार करना है तो आगे महाकाल साहब से परमिशन लिया जाता है। उसके बाद ही कार्य को अंजाम दिया जाता है। सूत्र बताते है कि जियावन थाने में कारखास की जिम्मेदारी महाकाल को सौंप गई है। लोग बताते हैं कि थाना क्षेत्र में संचालित अवैध कारोबार उन्हीं के संरक्षण में होता है। उनके दबदबे को आप यूं समझ सकते है कि अगर कोई भी ट्रैक्टर चालक उनके अनुमति के बिना रेत परिवहन करता है तो वो झट से पहुंच कर हिरासत उसे में ले लेते है। लोगों का कहना है कि उनके अनुमति के बिना एक भी कार्य नहीं होता है। महाकाल दिन में शिकायत की जांच विवेचना करते हैं तो रात्रि त्रि में प्राइवेट व्यक्ति के साथ दूसरी जांच विवेचना करते हैं।

एसपी ने हाल फिलहाल में किया था लाइन अटैच

अभी कुछ दिन पूर्व एसपी ने महाकाल को गंभीर शिकायत मिलने पर लाइन अटैच कर जांच के आदेश दिए थे, लेकिन दो  दिन भीतर ही महाकाल एसपी के आदेश को चुनौती देकर पुनः अपनी वापसी जियावन थाने में करा ली। सूत्र बताते हैं कि महाकाल की राजनीतिक पकड़ बहुत मजबूत है जिसके आगे एसपी की कार्यवाही महाकाल की राजनीतिक व्यवस्था के आगे फिकी पड़ गई। लेकिन इन दिनों जियावन थाने में महाकाल की चर्चा जोरो पर है। चर्चा है कि महाकाल के पास अवैध कारोबार का काला चिट्ठा है। हालांकि एसपी के स्थानांतरण के बाद महाकाल अन्दर ही अन्दर फील गुड कर रहे है। लेकिन जल्द ही जियावन के लोग उनके शिकायत नवागत पुलिस अधीक्षक से करेंगे। जिससे उनपर एक बार पुनः कार्रवाई हो सकती है।

संवाददाता : आशीष पाण्डेय 

Post a Comment

0 Comments