शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के राज में शासकीय विद्यालय में पानी की घोर किल्लत, बच्चे पानी भरने के लिए मजबूर
सिंगरौली जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित शासकीय विद्यालय खेखड़ा में बीते 6–7 सालों से पानी की भीषण किल्लत बनी हुई है। प्रधानाध्यापक धन्यवाद चतुर्वेदी ने बताया कि विद्यालय में जल समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है, जिसके चलते न केवल शिक्षक और छात्र बल्कि पूरा विद्यालय प्रशासन परेशान है।
विद्यालय के छात्रों को पीने के पानी की व्यवस्था तो दूर, थालियां धोने और मध्याह्न भोजन बनाने के लिए भी प्रतिदिन 1 किलोमीटर दूर से पानी लाने पर मजबूर होना पड़ता है। यह स्थिति बच्चों की पढ़ाई में बाधा डाल रही है और उनकी सेहत के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है।साथ ही सड़क पर अगर कभी सड़क में कोई बच्चों के साथ हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
प्रधानाध्यापक ने यह भी बताया कि जल संकट के कारण विद्यालय के अनेक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ साफ-सफाई और पोषण आहार वितरण में भी कठिनाई हो रही है। हालांकि इस समस्या को लेकर संकुल के द्वारा पत्र भी दिया गया, लेकिन अब तक इसका स्थायी समाधान नहीं हो सका है।
विद्यालय प्रशासन और छात्रों के अभिभावकों ने इस जल संकट के स्थायी समाधान की मांग की है, ताकि बच्चों की शिक्षा बिना किसी अवरोध के सुचारू रूप से चल सके। क्या शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं बनती की शासकीय विद्यालय में पानी की सुचारु व्यवस्था की जाए, शिक्षा मंत्री अतिथि शिक्षकों पर तो तंज कस सकते हैं लेकिन अपने गिरेवान में झाँक कर नहीं देखते की शासकीय विद्यालयों की कैसी खस्ता हाल स्थिति है..
संवाददाता : आशीष सोनी
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