Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

खुटार ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार के आरोपों सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर जांच अधूरी, जिला पंचायत सीईओ पर सवाल उठे.

 खुटार ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार के आरोपों सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर जांच अधूरी, जिला पंचायत सीईओ पर सवाल उठे

सिंगरौली जिले में भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में खुटार ग्राम पंचायत में हुए वित्तीय अनियमितताओं और फर्जी बिलिंग के मामलों ने जिले के प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पंचायत सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर आरोप है कि उन्होंने कई फर्जी बिलों का भुगतान करवाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।

जांच की धीमी गति और सीईओ पर पक्षपात के आरोप..

इस मामले में जिला पंचायत के सीईओ द्वारा जांच शुरू की गई थी, लेकिन महीनों बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी। लोगों में चर्चा है कि जांच को जानबूझकर लंबा खींचा जा रहा है ताकि सचिव को बचाया जा सके। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि कोई अन्य सचिव होता तो कार्रवाई तुरंत होती, लेकिन जितेंद्र विश्वकर्मा पर कार्रवाई न होने से प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं सचिव पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बिल लगाकर सरकारी धन को हड़प लिया। इतना ही नहीं, गांव के कई दुकानदारों ने भी सचिव के खिलाफ सामान लेकर भुगतान न करने की शिकायतें की हैं। बावजूद इसके, जिला पंचायत सीईओ ने इन शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया।

फर्जी बिलिंग और डीजल घोटाले का खुलासा...

खुटार पंचायत में फर्जी बिलिंग का मामला गंभीर होता जा रहा है। स्वच्छता के लिए पंचायत द्वारा ट्रैक्टर और डीजल का उपयोग दिखाकर भारी अनियमितताएं की गई हैं।

डीजल की संदिग्ध खपत..

1. जनवरी माह: 5000 रुपए का डीजल खपत होना दिखाया गया।

2. फरवरी माह: पुष्पा इंटरप्राइजेज से 9300 रुपए का डीजल खपत।

3. मार्च माह: पुष्पा इंटरप्राइजेज से 12000 रुपए का डीजल खपत।

4. अप्रैल माह: पंचायत कर्मचारी सुनील कुमार शाह के नाम पर 15000 रुपए का डीजल खरीदा दिखाया गया, जबकि सुनील के पिता का नाम भी गलत दर्ज किया गया।

5. अप्रैल माह: राम भजन शाह के नाम पर 5000 रुपए का डीजल खरीदा दिखाया गया।

जब की जमीनी हकीकत कुछ और ही है..

सूत्र कि माने तो ग्राम पंचायत के ट्रैक्टर चालक ने खुलासा किया कि ट्रैक्टर को महीने में केवल 3000 रुपए का डीजल चाहिए, लेकिन पंचायत में 20000 रुपए का डीजल खपत दिखाकर फर्जी बिल लगाया जा रहा है जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार आवाज भी उठाया और सूचना अधिकार के तहत जानकारी भी मांगी लेकिन उन सूचना अधिकार के तहत मंगाई गई जानकारी को किसी भी प्रकार से जिम्मेदारों ने देना उचित नहीं समझा जिसको लेकर यह सांप हो गया कि कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार में यह अधिकारी भी लिप्त है सचिव की धमकियां और प्रशासन की उदासीनता से जानता मायूस.. आरोप है की सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा की दबंगई इस कदर बढ़ गई है कि वह ग्रामीणों को धमकाते हुए कहता है कि जिला पंचायत सीईओ भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। यह बयान प्रशासन की साख पर गहरा धक्का है। जबकि ग्रामीणों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे सिंगरौली जिले में भ्रष्टाचार के इस प्रकरण ने जिला प्रशासन की निष्पक्षता और कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि दोषियों को सजा मिल सके और आम जनता का विश्वास बहाल हो सके। इन सभी मामलों को लेकर जिला पंचायत सी.ई.ओ गजेंद्र सिंह से मोबाइल फोन के माध्यम से जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया..?

संवाददाता : आशीष सोनी

Post a Comment

0 Comments