गणतंत्र दिवस नहीं 'वीर बाल दिवस' पर दिया जाएगा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

पहली बार प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के बजाय 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में सुबह 10 बजे होने वाले एक समारोह में बाल पुरस्कार बांटेंगीं. यह पुरस्कार 7 अलग-अलग श्रेणियों में 17 बच्चों को दिए जाएंगे.

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत मंडपम में इन बच्चों से मिलेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे. यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे आयोजित किया जाएगा. इन पुरस्कारों के लिए देश के 14 राज्यों से 17 बच्चों का चयन किया गया है. यह पुरस्कार उन बच्चों को दिया जाएगा, जिन्होंने अपने साहस, बलिदान और उत्कृष्ट उपलब्धियों से समाज में एक मिसाल कायम की है.

1957 में हुई थी पुरस्कार देने की शुरुआत

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार भारत में हर साल 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर उन बच्चों को दिए जाते हैं, जिन्होंने असाधारण साहस, आत्म-बलिदान, और सामाज के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो. इन पुरस्कारों की शुरुआत 1957 में भारतीय बाल कल्याण परिषद ने की थी और तब से यह सम्मान बाल वीरता की प्रेरक कहानियों को पहचानने और प्रोत्साहित करने का प्रतीक बन गया है.

पुरस्कार देने का क्या है उद्देश्य?

दरअसल, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य देश के बच्चों में साहस, निडरता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना है. इसके माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाता है कि न केवल बड़ी उम्र के लोग बल्कि बच्चे भी प्रेरणादायक और उत्कृष्ट उपलब्धियों से समाज में मिसाल कायम कर सकते हैं और समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं. इन बच्चों का चयन उन कहानियों के आधार पर किया जाता है, जिनमें उन्होंने न केवल अपने जीवन के लिए बल्कि दूसरों के जीवन को बचाने, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने, या कठिन परिस्थितियों में अपने आत्मविश्वास और बुद्धिमत्ता का परिचय दिया हो.