मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित यह स्थान अपने विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जाना जाता है
खजुराहो के मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और उत्कृष्ट मूर्तिकला के लिए विख्यात हैं। ये मंदिर चंदेल वंश के राजाओं द्वारा 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच बनाए गए थे। यहाँ की हर मूर्ति एक कहानी कहती है—प्रेम, जीवन, और अध्यात्म का अद्भुत संगम। खजुराहो में तीन मुख्य समूहों में मंदिर स्थित हैं—पूर्वी, पश्चिमी, और दक्षिणी समूह। इनमें कंदारिया महादेव मंदिर सबसे प्रसिद्ध है, जो अपनी भव्यता और बारीकी से उकेरी गई मूर्तियों के लिए जाना जाता है। लक्ष्मण मंदिर और विश्वनाथ मंदिर भी अपनी अद्वितीय शैली के लिए विशेष स्थान रखते हैं। यहाँ केवल धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि कलात्मक और सांस्कृतिक धरोहर भी देखने को मिलती है। खजुराहो को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है, जो इसे विश्वभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता है।लेकिन खजुराहो केवल मंदिरों तक सीमित नहीं है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, हरियाली, और शांत वातावरण इसे आत्मिक शांति पाने का उत्तम स्थान बनाते हैं। सूरज की पहली किरण जब इन मंदिरों पर पड़ती है, तो यह नज़ारा आत्मा को सुकून देने वाला होता है। खजुराहो के पास स्थित पन्ना राष्ट्रीय उद्यान और रनेह जलप्रपात इस यात्रा को और भी खास बनाते हैं। प्रकृति और इतिहास का ऐसा अद्भुत संगम आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। तो आइए, नोफिकर नारी की यात्रा में हमारे साथ इस अद्भुत स्थल की यात्रा करें। खजुराहो आपको बुला रहा है! और अब, हमारी अगली यात्रा होगी मध्य प्रदेश की एक और अनमोल धरोहर—सांची। प्राचीन बौद्ध स्तूप, भिक्षु गुफाएं, और सम्राट अशोक के शांति संदेश का प्रतीक, सांची का इतिहास आपको रोमांचित कर देगा। जुड़े रहिए हमारे साथ, क्योंकि नोफिकर नारी की यात्रा के हर पड़ाव पर छिपी है भारत की एक नई कहानी।
"अपनी धरती, अपनी संस्कृति—आओ इसे जानें, समझें और इसका सम्मान करें। अगली बार फिर मिलेंगे एक नई जगह और एक नई कहानी के साथ। तब तक के लिए, नमस्कार!
विडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=oRww_hfybzc
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