सचिव ने खरीदे ग्राम पंचायत के नाम से सामान अब पैसा देने में कर रहे आनाकानी, दुकानदार लगा रहा न्याय की गुहार
सचिव की धमकी और दबंगई से दूकानदार डरा हुआ है...
कमलेश कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि जितेंद्र विश्वकर्मा ने खुलेआम कहा कि उन्होंने बाजार के कई दुकानदारों से उधार लिया है और किसी का पैसा वापस नहीं किया। उन्होंने धमकी देते हुए कहा, "मैं तुम्हारे पैसे भी नहीं दूंगा, जो करना है कर लो हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता चाहे वह शासन प्रशासन हो या कोई नेता हमारे भी रिश्तेदार नेतागिरी करते हैं जो करना है कर लो जिससे शासन प्रशासन पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि इस प्रकार से एक सचिव खुली चुनौती दे रहा है और शासन प्रशासन इन आवेदनों को लेकर चुप्पी क्यों साधी हुई है..
आवेदक ने कहा कि कई बार आवेदन दिया, फिर भी कार्रवाई नहीं...
कमलेश ने मामले को लेकर कई बार पंचायत और संबंधित विभागों में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। पीड़ित दुकानदार ने बताया कि वह कई बार पंचायत कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं और अधिकारियों को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया दी।
ऐसे में सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा का मनोबल बढ़ता जा रहा है और अन्य दुकानदार भी हो सकते हैं शिकार...?
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर अन्य दुकानदारों का भी बकाया राशि हो सकता है। यदि समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो अन्य लोग भी उनके धोखाधड़ी के शिकार बन सकते हैं। कमलेश कुमार शाह ने जिला प्रशासन से निवेदन किया है कि जितेंद्र विश्वकर्मा के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनके बकाया 25,750 रुपये का भुगतान जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल..?
इस घटना ने प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या जिम्मेदार अधिकारियों को गरीब और छोटे दुकानदारों की समस्याओं की परवाह नहीं है..?
क्या भ्रष्टाचार और दबंगई के खिलाफ आवाज उठाने वालों को इस तरह से अनसुना किया जाता रहेगा..?
अब देखना यह होगा कि सिंगरौली जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित दुकानदार को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।
संवाददाता : आशीष सोनी
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