दर-दर भटक रहे अन्नदाता, पलेरा में खाद की किल्लत से परेशान किसान वेयरहाउस प्रबंधक को हटाए जाने की मांग


नगर में खाद लेने के लिए सुबह से ही लाइनों में लगकर नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र से पहुंच रहे किसान अपने नंबर का इंतजार करते हैं। पुरुष और महिलाएं रात से ही लाइन में लग जाते हैं और वहीं पर खाना-पीना हो रहा है। जानकारी के मुताबिक पलेरा वेयरहाउस पर डीएपी खाद लेने जाने वाले किसानों को निराशा हाथ लग रही है। नगर की प्राइवेट दुकानों पर ब्लैक में खाद की बोरी खरीदने को किसान मजबूर हो रहे हैं। रोजाना वेयरहाउस में खाद की कमी को लेकर किसानो में भगदड़ मच रही है। खाद के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। अन्नदाता दर-दर की ठोकरें खा रहा है, उसकी कोई सुनने वाला नही है। बीते दिनों नगर में खाद न मिलने से बुआई लेट होने से परेशान किसानों ने नौगांव जतारा हाइवे जाम करके जमकर विरोध जताया था। इसमें महिला किसान भी शामिल रहीं। मौके पर पहुची पुलिस और जतारा एसडीएम एवं तहसीलदार ने किसानों को समझाकर शांत कराया था। किसानों का आरोप है कि बीते 4 दिन से हर रोज सुबह-सुबह घर परिवार छोड़कर खाद लेने के लिए लाइन लगता हैं लेकिन हमारे हांथ कुछ नहीं लगता है।
वेयरहाउस प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप
किसानों ने बताया कि वेयरहाउस मैनेजर ओझा और उनके पुत्र जो बिना किसी पद पर होते हुए ऑपरेटर का कार्य संभाल रहे हैं। किसानों ने बताया कि वेयरहाउस में खाद आते ही व्यापारियों से मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए प्राइवेट गोदामों पर खाद को पहुंचा दिया जाता है। जिसके चलते 1350 रुपए की बोरी किसानों को व्यापारियों से 2100 तक में ब्लैक द्वारा मिल रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि वेयरहाउस मैनेजर ओझा के पुत्र मनीष ओझा के हौसले बिना किसी पद पर रहते हुए दबंगई से बुलंद बने हुए हैं। प्रतिवर्ष खाद के सीजन में कालाबाजारी कर लाखों रुपए का हेरफेर नगर में किया जाता है। स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन की मिलीभगत के चलते किसानों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।
संवाददाता : मुहम्मद ख्वाजा
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