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धनखड़ ने विपक्ष को दी कड़ी चेतावनी, कहा – ‘मैं देश के लिए मर जाऊंगा, लेकिन झुकूंगा नहीं’

 धनखड़ ने विपक्ष को दी कड़ी चेतावनी, कहा – ‘मैं देश के लिए मर जाऊंगा, लेकिन झुकूंगा नहीं’

संसद का शीतकालीन सत्र इस समय लगातार हंगामे का शिकार हो रहा है. शुक्रवार (13 दिसंबर) को राज्यसभा में एक और विवाद देखने को मिला. इस दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उनका गुस्सा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से नोक-झोंक के बाद फूट पड़ा. धनखड़ ने कहा “कि मैं देश के लिए मर जाऊंगा लेकिन झुकूंगा नहीं.”

सदन की कार्यवाही के दौरान धनखड़ ने विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बहुत बर्दाश्त कर चुके हैं और अब इसे और नहीं सहन करेंगे. उन्होंने कहा कि वह किसान के बेटे हैं और इस नाते कभी भी कमजोरी नहीं दिखाएंगे. धनखड़ ने यह भी कहा कि आज का किसान सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं है बल्कि वह सरकारी नौकरी, उद्योगों और बाकी क्षेत्रों में भी काम करता है. माना जा रहा है कि उनका यह बयान विपक्ष पर सीधे तौर पर हमला था.

मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ हुई जगदीप धनखड़ की नोक-झोंक

इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने धनखड़ के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह भी एक मजदूर के बेटे हैं, लेकिन उनका इशारा सीधे तौर पर धनखड़ के किसान के बेटे होने को लेकर था. इस कड़ी नोक-झोंक के बाद धनखड़ ने कहा कि वह संविधान के तहत काम करेंगे और सदन की कार्यवाही को सही ढंग से चलाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह खड़गे से व्यक्तिगत रूप से बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सदन के बाहर नहीं.

धनखड़ ने संविधान की रक्षा की बात की

धनखड़ ने इस विवाद के बाद अपनी बात रखते हुए कहा कि वह संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि वह विपक्ष के किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन संविधान की धज्जियां उड़ाना स्वीकार नहीं करेंगे. उनका कहना था कि देश को पता है कि कौन किसकी तारीफ करना चाहता है और वह अपने काम में पूरी ईमानदारी से काम करेंगे.

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