बोनस न मिलने पर DBL के 1773 कर्मचारियों ने किया काम बंद
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में कोयला उत्खनन कर रही भारत सरकार की कंपनी एनसीएल के निगाही प्रोजेक्ट में बोनस भुगतान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। आउटसोर्सिंग कंपनी डीबीएल के 1773 कर्मचारियों ने आज एक साथ हड़ताल कर दी, जिससे कोयले का उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, एनसीएल कंपनी के निगाही प्रोजेक्ट में DBL कंपनी ने आउटसोर्सिंग का काम लिया था। जिसमें 1773 श्रमिक कंपनी के साथ काम कर रहे थे, लेकिन मार्च 2024 से कंपनी का काम यहां बंद हो गया। कंपनी ने 2023-24 का बोनस भुगतान नहीं किया। लगातार आश्वासन मिलता रहा, लेकिन जब मजदूरों को यह लगा कि अब उन्हें बोनस नहीं मिलेगा तो उन्होंने आज एक साथ काम बंद कर दिया और सभी लोग हड़ताल पर चले गए। सुबह से जारी प्रदर्शन की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक प्रतिनिधि के रूप में तहसीलदार मौके पर पहुंचे।
नई तारीख का मिला आश्वासन
इस दौरान निगाही प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर डीबीएल कंपनी के प्रोजेक्ट हेड भी मौके पर पहुंचे और आपसी सहमति के बाद यह तय हुआ है कि 5 जनवरी 2025 को डीबीएल कंपनी 1773 मजदूरों के खाते में उनका बोनस डाल देगी। इसके बाद यह हड़ताल समाप्त हुई। DBL कंपनी के एम्पलाई और श्रमिक मनोज कुमार ने बताया कि, लगातार हमें आश्वासन मिल रहा था। लेकिन बोनस का भुगतान नहीं हो रहा था। जिसकी वजह से मजबूर होकर हमें काम बंद करना पड़ा।
इसलिए आ रही दिक्कत
DBL कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद सिंह का कहना है कि, NCL ने टेक्निकल इश्यू बताकर हमारा पेमेंट रोक रखा है। जिसके चलते हमें लेबरों का 4 करोड़ 92 लाख रुपए का पेमेंट करने में दिक्कत हो रही है। NCL के निगाही प्रोजेक्ट हेड आशीष रंजन ने कहा है कि, हेड क्वार्टर में डीबीएल कंपनी का पेमेंट करने के लिए फाइल भेजी गई है। बोनस का पेमेंट आउटसोर्स कंपनी को करना है। कई बार उसे पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन उन्होंने पेमेंट नहीं किया है। इसमें NCL कार्रवाई कर रहा है।
मौके पर प्रशासन की तरफ से पहुंची तहसीलदार सविता यादव ने कहा है कि, आउटसोर्स कंपनी डीबीएल से एक लिखित आश्वासन लिया गया है कि वह 5 जनवरी तक लेबरों का पेमेंट कर देंगे। नइसके अलावा NCL के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह आउटसोर्स कंपनी का सभी बकाया क्लियर कर दें इसके बाद सभी मजदूरों ने धरना समाप्त किया।
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