Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

टीम इंडिया में अपमान नहीं झेल सके रविचंद्रन अश्विन?

 टीम इंडिया में अपमान नहीं झेल सके रविचंद्रन अश्विन?

भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया. उनके इस फैसले से क्रिकेट जगत में हलचल मच गई और कई तरह के कयास लगाए जाने लगे. अश्विन ने पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन दूसरे डे-नाइट टेस्ट में वे टीम का हिस्सा थे. हालांकि, तीसरे टेस्ट में उन्हें फिर से बाहर कर दिया गया. ब्रिसबेन टेस्ट ड्रॉ होने के तुरंत बाद अश्विन ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में संन्यास की घोषणा कर दी.

अश्विन के अचानक संन्यास की घोषणा से फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच सवाल उठने लगे हैं कि क्या टीम में उनके साथ किसी तरह का अपमानजनक व्यवहार हुआ है. अब इस पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने भी अपनी राय जाहिर की है.

मनोज तिवारी ने कहा, "मुझे लगता है कि अश्विन के साथ सही व्यवहार नहीं हुआ. वॉशिंगटन सुंदर और तनुश कोटियन जैसे युवा खिलाड़ी अच्छे हैं, लेकिन जब आपके पास अश्विन जैसा अनुभवी खिलाड़ी है, तो वॉशिंगटन को प्राथमिकता क्यों दी गई? इसके अलावा, वॉशिंगटन को अश्विन से ज्यादा ओवर गेंदबाजी कराना भी एक तरह से उनका अपमान है."

मनोज तिवारी का मानना है कि अश्विन ने अपने करियर में इतने शानदार प्रदर्शन दिए हैं कि वह यूं ही संन्यास नहीं ले सकते. उन्होंने कहा, "अश्विन भले ही खुले तौर पर कुछ न कहें, लेकिन एक दिन वह जरूर अपनी बात सामने रखेंगे. खिलाड़ियों को सम्मान और सराहना की जरूरत होती है, जो उन्हें नहीं मिली."

रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर में 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए और 3,503 रन बनाए. उनके नाम 6 शतक और 14 अर्धशतक हैं. वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में अनिल कुंबले के बाद दूसरे सबसे सफल गेंदबाज हैं. उन्होंने 116 वनडे और 65 टी20 मैच भी खेले हैं.

Post a Comment

0 Comments