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दिल्ली में सियासी घमासान! केजरीवाल की कार पर हमला

  दिल्ली में सियासी घमासान! केजरीवाल की कार पर हमला

 दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार पर शनिवार (18 जनवरी) को कथित हमला होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सियासी विवाद गहरा गया है. ये घटना नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान हुई. आप ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें केजरीवाल की कार पर पत्थर फेंके जाने का दावा किया गया है.

आप ने भाजपा पर हमला कराने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के प्रचार के दौरान उनके समर्थकों ने ये हमला किया. पार्टी ने कहा "भाजपा हार के डर से बौखला गई है और उसने अरविंद केजरीवाल को डराने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली की जनता इसका जवाब देगी."

भाजपा ने किया पलटवार 

भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए उल्टा केजरीवाल पर ही गंभीर आरोप लगाए. वर्मा ने दावा किया कि केजरीवाल की कार ने उनके तीन समर्थकों को टक्कर मारी जिसे उन्होंने "हत्या का प्रयास" करार दिया. वर्मा ने कहा कि तीन युवाओं ने केजरीवाल से रोजगार जैसे मुद्दों पर सवाल पूछने की कोशिश की थी, लेकिन पंजाब पुलिस ने उन्हें पीटा और उनका फोन तोड़ दिया.

कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की और कहा कि दोनों पार्टियां असली मुद्दों से भटक गई हैं. उन्होंने कहा "हम अपने विचारों से लड़ते हैं न कि पत्थरों से."

दिल्ली चुनाव का मुकाबला त्रिकोणीय

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर "कायरता भरा हमला" करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए गुंडागर्दी का सहारा ले रही है. वहीं भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आप पर "छोटे राजनीति स्तर" पर उतरने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है.

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर ये घटना चुनाव प्रचार के गरम माहौल के बीच सामने आई है. इस सीट पर अरविंद केजरीवाल, भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को मतगणना होगी. पिछली बार आप ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं जबकि भाजपा को सिर्फ 8 सीटें मिली थीं.

चुनाव प्रचार में बढ़ता तनाव

ये घटना और इसके बाद के आरोप-प्रत्यारोप यह दर्शाते हैं कि चुनावी माहौल कितना तनावपूर्ण हो गया है. सभी दलों को लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखते हुए चुनाव प्रचार करना चाहिए ताकि दिल्ली की जनता सही और सार्थक विकल्प चुन सके.

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