मोहन सरकार के राज में आंगनबाड़ी केंद्र में आदिवासी बच्चों को नहीं मिल रहा एक साल से खाना
तामिया के पातालकोट के कारेआम रातेड में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को नहीं मिल रहा खाना यहां ग्राम की महिलाएं ने बताया कि यहां एक साल से बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है सरकार भले ही व्यवस्था को लेकर लगातार दावे कर रही लेकिन आज भी ग्रामीण आदिवासी अंचल में बच्चों को खाना तक नहीं मिल पा रहा है यहां ग्राम की महिलाओं ने बताया कि लगभग एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है यहां पदस्थ कार्यकर्ता ने बताया कि समूह चलाने वाली महिला एक तामिया में रहती है और दूसरी सारणी में रहती हैं कारेआम रातेड आंगनबाड़ी केंद्र में 15 बच्चे दर्ज हैं जिसमें बच्चों को ना नाश्ता ना ही भोजन मिल पा रहा है सरकार द्वारा तामिया पातालकोट में विकास कार्य के दावे किए जाते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है महिला बाल विकास अधिकारी भी इस और ध्यान नहीं देते हैं जब तामिया महिला बाल विकास अधिकारी शिंदे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं इसकी जांच करता हूं अब देखना यह होगा कि इस मामले पर अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं। वैसे मध्य प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार आदिवासी वर्ग को शासन की योजनाओं का लाभ देने की बात तो करती है लेकिन वास्तविकता आपके सामने है, चुनाव के समय वोट बैंक के लिए नेता आदिवासियों साथ भोजन करने की फोटो खिंचवाते है और वही फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित भी करते हैं लेकिन उन्हीं आदिवासियों के बच्चों के हक़ के लिए कभी आवाज बबुलंद या उपयुक्त व्यवस्था नहीं करते, अब देखना होगा की सबका साथ सबका विकास कहने वालों के लिए आदिवासी मायने रखते हैं या यह सिर्फ एक जुमला मात्र है...
0 Comments