जनपद पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में हंगामा भाजपा विधायक मुर्दाबाद के लगे नारे
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के हटा में जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में जमकर हंगामा हुआ, इस दौरान दो गुट आमने-सामने आ गए। बता दें कि इंद्रपाल पटेल को देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा होने के बाद जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद रिक्त होने के चलते शुक्रवार को जनपद पंचायत के सभागार में जनपद के नए अध्यक्ष का चुनाव कराया गया। जिसमें दो गुटों के जनपद सदस्यों ने अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया वहीं 16 जनपद सदस्यों ने अपने मत का प्रयोग किया। मतगणना के दौरान मुकाबले में दौड़ रहे जनपद सदस्य शैलेश पटेल औऱ गंगराम पटेल दोनों दोनों उम्मीदवारो को बराबर के मत यानी 8-8 मत प्राप्त हुए। जिसके चलते सब हैरान रह गए। जनपद अध्यक्ष की कुर्सी नियमों के फेर में फंस गई। वहीं निर्वाचन अधिकारी एसडीएम राकेश मरकाम ने वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर नियम अनुसार अध्यक्ष के चुनाव का फैसला लॉटरी सिस्टम से किये जाने का निर्णय लिया। जिसमें एक बालिका को जनपद के सभागार में बुलाया और निर्वाचन अधिकारी ने शैलेश पटेल और गंगराम पटेल नाम की दो पर्चियां डाली। जिसमें बालिका ने एक पर्ची उठाकर अध्यक्ष का फैसला किया गंगराम पटेल को निर्वाचन अधिकारी ने विजय घोषित किया। चुनाव की प्रक्रिया में बराबर के मत पड़ने से कुछ देर के लिए चुनाव प्रक्रिया में विलंब भी हुआ। इसी दौरान भाजपा के ही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल अपने समर्थको के साथ जनपद पंचायत के परिसर में आकर जमकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने हटा विधायक उमा देवी खटीक के ऊपर अधिकारियों पर दबाव और पक्षपात का आरोप लगाया। हटा विधायक मुर्दाबाद के नारे लगाए। वहीं भाजपा विधायक के समर्थक भी जनपद के परिसर में पहुच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। जिस पर प्रशासन के अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और दोनों गुटों के समर्थकों को समझाइश देकर परिसर से बाहर किया। समर्थकों के बीच हुई नारेबाज़ी को लेकर हटा विधायक उमा देवी खटीक ने कहा कि जनपद सदस्यों के बीच मे अध्यक्ष पद को लेकर ठनी हुई थी। जिसके चलते हमे परेशानी उठानी पड़ी। अपने ही लोग आर पार हो गए। इसलिए यह चुनाव कराया गया। नहीं तो निर्विरोध गंगाराम पटेल अध्यक्ष होते। इधर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने ईश्वर का सत्य का निर्णय बताते हुए कहा कि इसमें कोई अपना श्रेय नही ले सकता। सबने अपना परिश्रम किया। जिसका फल और निर्णय ईश्वर के हाथ मे सुरक्षित रखा हुआ था। जिसके नतीजे के तौर पर गंगराम पटेल को अध्यक्ष चुना गया है। वहीं मीडिया के सवालों का जबाब देते हुए कहा कि परिवार में खटखट होती है। हमारे परिवार की लड़ाई थी इसलिए हम लोग छल बल से कोई चुनाव नहीं जीत सकता जब पक्ष पात होता है तो ईश्वर निर्णय लेता है।
वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=yuHzddURRzA
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