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इतने साल बाद भी क्यों खतरनाक है भोपाल गैस कांड का कचरा? जानें कौन सी गैस हुई थी लीक

 इतने साल बाद भी क्यों खतरनाक है भोपाल गैस कांड का कचरा? जानें कौन सी गैस हुई थी लीक

भोपाल गैस त्रासदी देश की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है. इस त्रासदी को आज भी देश याद करके सहम जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भोपाल गैस त्रासदी के लगभग 40 साल बाद उसका कचरा पूरे तरीके से हट नहीं पाया है. आज हम आपको बताएंगे कि ये कचरा कितना खतरनाक है और इससे क्या खतरा है.

भोपाल गैस त्रासदी याद करके सहम जाते हैं लोग

भोपाल गैस त्रासदी देश की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है. बता दें कि साल 1984 में दो और तीन दिसंबर  के दौरान रात में जहरीली गैस ‘मिथाइल आइसोसाइनेट' का रिसाव हुआ था. जिसके बाद भोपाल समेत पूरी देश में हाहाकार मच गया था, लोगों की जान जा रही थी. इस भीषण त्रासदी में 5,479 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं पांच लाख से अधिक लोग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और दीर्घकालिक विकलांगताओं से पीड़ित हो गए थे.

भोपाल गैस त्रासदी

 मध्य प्रदेश सरकार भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद अब यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन (एमटी) जहरीले कचरे को ठिकाने लगाने की कार्रवाई शुरू कर रही है. बता दें कि 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद से ‘यूनियन कार्बाइड' कारखाने में पड़ी हुई थी. अब इस कचरे को इंदौर के पास पीथमपुर की एक औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई में नष्ट किया जाएगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने इसी साल 4 मार्च को कचरा निपटारा के लिए 126 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.

कितना खतरनाक है ये कचरा

बता दें कि 2-3 दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्ट्री से अत्यधिक जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट लीक हुई थी.बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी के बाद से बंद पड़े ‘यूनियन कार्बाइड' कारखाने में 337 टन रासायनिक कचरा पड़ा हुआ है. आसान भाषा में आप इसको ऐसे समझ सकते हैं कि ये केमिकल का कचरा अभी भी भोपाल शहर को बीमार बना सकता है. क्योंकि इस कचरे में केमिकल के बहुत सारे रसायन मौजूद होते हैं. 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भी जताई है नाराजगी 

बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद भी ‘यूनियन कार्बाइड' कारखाने के जहरीले कचरे का निपटारा नहीं हुआ है. इसको लेकर बीते तीन दिसंबर को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि इस कचरे को तय अपशिष्ट निपटान इकाई में चार हफ्तों के भीतर भेजा जाना चाहिए. हालांकि अब इस पर काम हो रहा है और रिपोर्ट्स के मुताबिक आज रात में इन केमिकल से कचरों को भेजा जाएगा। 

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