Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

70 दिनों में बन गये थे ढाई हजार से अधिक मकान,कई अधिकारी भी मुआवजा की आस में बनाए थे मकान

 70 दिनों में बन गये थे ढाई हजार से अधिक मकान, कई अधिकारी भी मुआवजा की आस में बनाए थे मकान


 प्रयागराज-बाया चितरंगी, सिंगरौली प्रस्तावित एनएच 135 सी के एलाइंमेंट को निरस्त किये जाने के बाद जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं।

गौरतलब है कि भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राज मार्ग मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा सिंगरौली, चितरंगी, बगदरा एनएच 135 सी लम्बाई 70 किलोमीटर के अनुमोदित एलाइंमेंट को निरस्त कर दिया है। हालांकि यह कार्रवाई भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राज मार्ग मंत्रालय नई दिल्ली ने 31 दिसम्बर 2024 को किया था और 6 जनवरी के अन्दर वैकल्पिक एलाइंमेंट प्लान प्रस्तुत करने के लिए गुजरात प्रांत के एक कंसल्टेट को जिम्मा सौंगा गया था। वैकल्पिक एलाइंमेंट प्लान की स्थिति क्या है अभी कुछ स्पष्ट नही है। लेकिन प्रस्तावित एलाइंमेंट को निरस्त किये जाने के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह से सवालों के कटघर्रे में घिर गया है। सचिव भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राज मार्ग मंत्रालय ने इसका पूरा ठिकरा खण्ड एवं जिला प्रशासन के ऊपर फोड़ा है। आरोप है कि 3 ए भू-अर्जन कार्रवाई के दौरान एवं 3 डी की कार्रवाई पूर्ण होने के पूर्ण ग्रामीणजनों द्वारा अतिक्रमण कर अस्थाई स्ट्रक्चर का निर्माण किया। लेकिन प्रशासन उसे उठाने में नाकाम रहा। आरोप है कि 3 ए भू-अर्जन के लागू होने एवं उप खण्ड अधिकारी चितरंगी के पत्राचार करने के बावजूद कलेक्टर ने गंभीरता से नही लिया और भूमियों के क्रय-विक्रय में रोक लगाने करीब 70 दिन का वक्त लगा दिया और इस दौरान करीब ढाई हजार मकान भी बन गये। हालांकि नये-पुराने मकानों की संख्या करीब 3100 है। अब सवाल उठाया जा रहा है कि जिला प्रशासन अवैध भवनों के निर्माण पर रोक क्यों नही लगाया ?

कहीं खुशी तो कहीं गम

एनएच 135 सी के अनुमोदित एलाइंमेंट को निरस्त किये जाने के बाद कई भाजपा एवं कांग्रेस के नेता अपनी पीठ थप-थपा रहे हैं और यहां तक कह रहे हैं कि हमने खुल कर विरोध किया और एलाइंमेंट को निरस्त करने की मांग किया था। भारत सरकार राज मार्ग मंत्रालय ने सून लिया। वही जिन लोगों के द्वारा मकान बनाया गया था और जिनके पुराने मकान बनाये गये थे उन्हें काफी झटका लगा है। वही जिला प्रशासन को दोषी ठहराने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं

संवाददाता : आशीष सोनी

Post a Comment

0 Comments