रीवा नगर निगम की बजट बैठक पर बवाल, BJP ने निकाली अर्थी, तो कांग्रेस ने छिड़का गंगाजल
रीवा नगर निगम की बजट बैठक में जमकर बवाल काटा गया. बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच झूमा-झटकी की स्थिति निर्मित हो गई. कुछ समय के लिए शोर गुल सुनकर लग रहा था कि ये निगम का दफ्तर नहीं सब्जी मंडी है.
रीवा शहर में 45 पार्षद हैं. परिषद की बैठक में भाजपा मजबूत स्थिति में है. महापौर कांग्रेस का है, 24 मार्च को रीवा शहर का बजट पेश किया गया था. बुधवार को परिषद की बैठक में बजट को लेकर चर्चा होनी थी. लोकिन मामला एक बिंदु पर आकर अटक गया. शहर में महापुरुषों की प्रतिमा लगनी है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का कहना था महापुरुषों के नाम के आगे सम्मानित उद्बोधन नहीं है, सीधे-सीधे नाम लिख दिया गया. फिर चाहे वह नाम रीवा महाराजा मार्तंड सिंह का हो, या भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई का, इसको लेकर दोनों दल आमने-सामने आ गए.
मारपीट की नौबत आ गई
भाजपा ने परिषद में अर्थी निकालने का प्रयास किया तो, कांग्रेसियों ने गंगाजल निकाल लिया. दोनों के बीच जमकर झूमाझटकी हुई. मारपीट की नौबत आ गई. बा मुश्किल अध्यक्ष वेंकटेश पांडे और महापौर अजय मिश्रा बाबा ने सबको शांत किया.
सब्जी मंडी में तब्दील हो गई बजट बैठक
उनको शांत कराया, रीवा नगर निगम की परिषद आज पूरी तरीके से सब्जी मंडी में तब्दील हो गई, जिस तरीके से सब्जी मंडी में शोर सुनाई देता है. ठीक उसी तरीके का नजारा आज रीवा शहर के चुने हुए पार्षदों के बीच बैठक में नजर आया. बात बहुत छोटी थी, या यू कहिए बहुत बड़ी भी थी, महापुरुषों की शहर में प्रतिमा लगाई जानी है. उनके नाम के आगे उचित संबोधन नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का कहना था.
महापौर का पक्ष
वहीं, महापौर कह रहे थे, हमने सबसे पहले उचित शब्द का इस्तेमाल किया है. उसके बाद क्रम से सारे नाम लिख दिए गए. महापुरुषों की जब पट्टिका लगेगी तब उचित तरीके से अलग-अलग सबके नाम लिखे जाएंगे.
संवाददाता : आशीष सोनी
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