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जिला प्रशासन व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला बन रहा अंजान, राखड़ खा रही आम जनता, कौन सुने फरियाद

 जिला प्रशासन व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला बन रहा अंजान, राखड़ खा रही आम जनता, कौन सुने फरियाद


जिला मुख्यालय बैढ़न एनटीपीसी विंध्याचल के बलियरी ऐश डाइक परिवहन होने वाला राख शहर के साथ-साथ आधा सैकड़ा से अधिक गावों के लिए आफत बन गया है। आलम यह है कि बैढ़न से लेकर नौगई, देवरी, डगा, बरगवां एवं सीधी तक परिवहन होने वाला राखड़ सड़कों पर लेयर की तरह जमा हो रहा है। इसके निदान के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ एनटीपीसी विंध्याचल मीडिया के सामने अपनी बाहबाही लूट रहा है।

गौरतलब है कि जिला मुख्यालय बैढ़न के बलियरी से एनटीपीसी विंध्याचल का राख गनियारी हर्रहवां मार्ग होते हुए परसौना-बरगवां की ओर परिवहन कराया जा रहा है। जहां भारी वाहन से सड़क के दोनों तरफ राखड़ गिर रहा है। जहां टू-लाइन सड़क पर परते जम रही हैं। इधर बता दें कि सुबह से लेकर 11 बजे दिन तक परसौना-बरगवां मार्ग में कोहरे के धुंध की तरह राखड़ सड़कों एवं आसपास के गांव में छाया रहता है। यह समस्या आज से नहीं करीब पिछले दो वर्षों से है, लेकिन आरोप है कि एनटीपीसी विंध्याचल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या से निदान करने में अब तक असफल रहा है। आरोप यहां तक लग रहे हैं कि म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय अमला राखड़ का परिवहन करने वाले वाहन मालिकों एवं ट्रांसपोर्टर के साथ-साथ एनटीपीसी प्रबंधन पर किसी प्रकार का ठोस दबाव नही बन पा रहा है।  जिला प्रशासन एवं एनटीपीसी प्रबंधन तथा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्रीय अमला के लापरवाही का खामियाजा एवं प्रदूषण का डंस नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्रवासियों को झेलना पड़ रहा है। इस समस्या का निदान कब होगा इसका जवाब क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला एवं जिला प्रशासन के  पास भी नहीं है। आरोप यहां तक लगाए जा रहे हैं कि जिला प्रशासन एवं एनटीपीसी विंध्याचल प्रबंधन का दावा रहता है कि राखड़ परिवहन से कोई प्रदूषण नही फैल रहा है।  वाहनों पर निगरानी रखी जा रही है राखड़ परिवहन करने वाले वाहनों को कंटेनर से तिरपाल से ढक कर सुरक्षा के साथ परिवहन कर जा रहा है। तिरपाल से राखड़ को कितना गिरने से बचाया जा रहा है, इसका जीता जागता उदाहरण परसौना-बरगवां मार्ग है। जहां जगह-जगह पूरे सड़क में एक साइड राखड़ का लेयर जमा हुआ है। यहां सुबह धुंध के अलावा कुछ भी नजर नही आता है। लगता है कि गर्मी के महीने में भी कोहरे का असर है। फिलहाल बलियरी से बरगवां की ओर परिवहन होने वाले राखड़ इन दिनों यहां के रहवासियों, दुकानदारों के लिए गले का फांस बन गया है। इसका निदान प्रशासन के द्वारा कब तक में किया जा सकता है, इस पर प्रशासन के सरकारी नुमाईदें गोलमोल जवाब देकर अपने आप को बचाने का प्रयास करते आ रहे हैं।  

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला अंजान

जिला मुख्यालय बैढ़न के नजदीकी नौगढ़ में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला का दफ्तर खुला है, लेकिन यही से चंद किलोमीटर दूर बैढ़न-बरगवां मुख्य मार्ग में राखड़ की परते उक्त विभाग के अधिकारियों को नजर नही आती हैं।  इसके पीछे कारण क्या है यह बात अब किसी से छुपी नही रह गई है। आरोप लगाया जा रहे हैं कि म.प्र. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला के अधिकारी मैनेज हैं। इसीलिए ट्रांसपोर्टर एवं एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज करते हैं। इसके पीछे कारण एक नही अनेक कारण गिनाए जा रहे हैं। चर्चा यहां तक है कि क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी अपना आवास एनटीपीसी विंध्याचल परिसर में बने हुए हैं। शायद इसीलिए एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ  कार्रवाई करने से बचते नजर आते हैं। जब यहां कि फ्री बिजली एवं आवास तथा पानी का उपयोग कर रहे हैं तो इतना साधारण सा बात है कि उसके खिलाफ  एक्शन नही ले सकते हैं। यही हाल जिला प्रशासन का भी है। कलेक्टर से लेकर बड़े अधिकारी एनटीपीसी विंध्याचल के बंगले में रहता है। इसे सभी भलीभांति जानते हैं और पहले कई बार इस तरह के आरोप भी लग चुके हैं।

एनटीपीसी के ईडी के दावे की खुली पोल

पिछले दिनों एनटीपीसी विंध्याचल की उमंग भवन में प्रेस कंॉफे्रंस के दौरान कार्यकारी निदेशक मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि राखड़ का परिवहन करने वाले वाहनों पर कड़ी नजर है। वही वाहनों के पहिए भी धुले जाते हैं। कंपनी से वाहन बाहर तभी निकलते हैं जब पूरी तरीके से राखड़ नजर नही आती है। इस पर पूरा ख्याल रखा जा रहा है कि कहीं भी रास्ते में राखड़ ना गिरे, लेकिन एनटीपीसी विंध्याचल के कार्यकारी निदेशक के दावे के यहां पोल खोल रही है। यदि राखड़ को सड़क पर देखना है तो रोजाना सुबह 10 बजे तक बरगवां मार्ग में आसानी से भ्रमण कर देखा जा सकता है।

 संवाददाता : आशीष सोनी

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