समय से अस्पताल नहीं आते डॉक्टर, मरीज परेशान
सिंगरौली जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवसर इन दिनों डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ की लापरवाही से अपनी बदहाली पर आंसू बहां रहा हैं। मरीज जब स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं तो उन्हें डॉक्टर नहीं मिलते है। जिससे मरीजों को या तो प्राइवेट चिकित्सकों के यहां जाकर इलाज कराना पड़ता है या मजबूरी में सीधी या सिंगरौली जाना पड़ता है। इससे लोगों का समय के साथ ही पैसे की भी बर्बादी होती है।
लग रही मरीजों की भी़ड़
मौसमी बीमारियों की वजह से स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की संख्या दिन -प्रतिदिन बढ़ने लगी है, लेकिन डॉक्टर एवं स्टॉफ न तो कभी समय से आते हैं और न ही सही से इलाज करते हैं। मरीज सुबह 9 बजे से दूरदराज ग्रामीण इलाके से आकर डॉक्टरों एवं स्टाफ का 11 बजे तक इंतजार करते रहते हैं लेकिन जिम्मेदारों को ड्यूटी समय से करने से परहेज है । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर पदस्थ है। परन्तु समय पर स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचने के कारण समस्त स्टाफ मनमानी कर रहा है। शासन की मुख्य योजना स्वास्थ्य है, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के चलते स्वास्थ्य केंद्र देवसर में सभी व्यवस्थाएं शासन की फेल साबित हो रही हैं जिसके चलते न तो जनप्रतिनिधियों का ध्यान है।
चिकित्सकों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टरों की मनमानी से बेहाल हो गया है। मरीज बेबस हैं। स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं भी नदारद हैं। हालत यह है कि मरीजों को निजी अस्पतालों की सेवाएं लेना पड़ रही हैं जिससे मरीजों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है। डॉक्टरों की लापरवाही से लोगों में आक्रोश है। अस्पताल में डॉक्टर कब आते हैं और कब चले जाते हैं इसका पता ही नहीं चलता। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्सकों की लापरवाही से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आरोप है कि चिकित्सक समय से अस्पताल नहीं आते हैं। जिसके कारण मरीज परेशान होते है और नीम हकीम या निजी अस्पताल में उपचार कराने के लिए जाते है। ऐसे में गरीब तबके के मरीज भगवान भरोसे डाक्टर के इंतजार में बैठे रहते हैं। क्षेत्र के लोगों ने चिकित्सकों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की हैं।
संवाददाता : आशीष सोनी
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