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बैरासिटी कंपनी में चालको का आर्थिक शोषण जारी चालको ने कंपनी के कारनामों का खोला पोल

 बैरासिटी कंपनी में चालको का आर्थिक शोषण जारी चालको ने कंपनी के कारनामों का खोला पोल


बैरासिटी कंपनी सुलियरी के ड्राइवर संघ ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर  हड़ताल करते हुये धरने पर बैठ गये थे। जहां चालको के समस्याओं को देखते हुए उनकी मांगों को पूर्ण करने के लिए ड्राइवर संघ के अनुरोध उत्पादन धरना स्थल पर पहुंचकर उनका पूरा समर्थन किया। ड्राइवर संघ कंपनी के द्वारा ड्राइवर का बड़े पैमाने पर किया जा रहा था। शोषण चालको ने पुलिस व प्रशासन उपस्थिति में अपनी समस्याओं को गिनाया है।

बैरासिटी कंपनी के चालको ने  कंपनी का  भेद खोलते हुये बताया कि एक्सीडेंट जो होते हैं उसकी जिम्मेवार पूरी तरह से कंपनी है, 12 घंटा वाहन चलते हंै और निद्रा भी पूरी नही होती है। मांगों के बारे में बताया कि कम से कम एक घंटा चालको को कहीं पर रात्रि में रेस्ट मिले, जिससे नींद ना आए, एक्सीडेंट की समस्याएं ना बढ़े, लेकिन कंपनी को उससे क्या लेना-देना। इसके अलावा ओव्हर ड्यूटी का भुगतान कंपनी नही करती है। बल्कि उल्टा उक्त कंपनी के कर्ताधर्ता धमकाते भी रहते हैं। यदि कोई चालक समस्याओं को भी सुनाना चाहता है तो कंपनी के अधिकारी अनसुनी कर देते हैं। वही वेतन 29 हजार रूपये होनी चाहिए और पीएफ, बोनस, मेडिलक, बीमा व खाना और चालक का महीने में चार दिन रेस्ट होना चाहिए। वेतन महीने के प्रथम सप्ताह में मिल जानी चाहिए। वाहन चलाने के लिए उचित मात्रा में डीजल मिलना चाहिए। समस्त कर्मचारी व चालको से अच्छा व्यवहार हो, दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों के मरम्मत का भुगतान चालको के सैलरी से कटौती न हो इसके अलावा अन्य मांगों को गिनाया है। फिलहाल बैरासिटी कंपनी में चल रही मनमर्जी व चालको के साथ किये जा रहे आर्थिक शोषण को लेकर कंपनी के क र्ताधर्ता सवालों के कट  घरे में घिरते जा रहे हैं।

संवाददाता : आशीष सोनी

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