मऊगंज के विधायक की आखिर क्योंहो रही चाक चौराहे पर चर्चा
भाजपा मऊगंज के बेलगाम हुए विधायक प्रदीप पटेल जो कभी भी किसी भी घटना को कारित करते हैं, कभी जेसीबी लेकर सब को जड़ से उखाड़ने पहुंच जाते है तो कभी ताला लेकर सरकार के आदेशों को अपने ताले से दबाने की कोशिश करते है......
मौजूदा मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल अपने क्रिया कलापों को लेकर सुर्खियों मे बने ही रहते है ये अपनी विधानसभा के साथ साथ बगल वाली विधानसभा को भी प्रभावित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते जिससे पड़ोसी विधायक से जमकर बहस भी होती है जो की हर जगह वायरल भी हो चुकी है। मऊगंज विधायक जिस पार्टी की उंगली पकड़ कर विधानसभा पहुंचे है आज अपने अनर्गल कामों से उसी उंगली को काटने में पूरा जोर लगाते दिख रहे है शायद यह कहना कोई अतिसंयोक्त नही होगा की विधायक खुद के पार्टी वाली सरकार के नाक में दम करके रखे हुए है।
क्षेत्र में हुए नरसंहार पर नही दिखाई सक्रियता
हाल ही में इनके विधानसभा अंतर्गत गड़रा गांव में भयंकर नरसंघार हुआ जिसमे एक आम युवक के साथ पुलिस वाले की भी निर्मम हत्या होती है साथ ही अनेक प्रशासनिक अधिकारियों को भी निपटाने का प्रयास किया जाता है है किंतु किसी प्रकार वो अधिकारी, सिपाही अपनी जान बचा कर भागते है, इतने बड़े हृदय विदारक कांड के बाद भी इन माननीय विधायक का कही भी कोई भी एक्शन या रिएक्शन सामने नहीं आया जिस कांड में शासन प्रशासन की हत्या, आम जन मानस की हत्या, पुलिस वालो की हत्या हो रही है वहा इनके मुख में दही जम जाती है इन विधायक का क्षेत्र गर्त में मिल रहा है फिर भी इनके मुख मंडल से आह तक नहीं निकलती है और ये अपने को जनता का सेवक बताते है।
इनकी सक्रियता कुछ खास जगहों के लिए
विधायक प्रदीप पटेल के कारनामे हमेशा सुर्खियों में रहते है और इनका लगभग प्रदर्शन कुछ खास लोगो व खास जगहों के लिए होता है जैसे आरटीओ ऑफिस, आरटीओ चेकपोस्ट, बिजली ऑफिस, थाना, खरीदी केंद्र और ही अन्य जगह जहा चेकिंग अभियान चलाया जाता हो कुल मिलाकर अगर ये कहा जाए की जहा से इनको लाभ ना मिले वहा ताला लगा दो और ताला भी इनका होना चाहिए जिससे जब काम इनका होता नजर आए तो माननीय ताला खोल भी सके।
नए वित्त वर्ष में नया ताला
आज विधायक प्रदीप पटेल को कुछ और ताले खरीदने पड़ गए क्योंकि आज से नव वित्त वर्ष की शुरुआत हो रही है शराब ठेकेदार इनकी शरण में गए बिना दुकान संचालित को जैसे ही पहुंचा तो विधायक अपना ताला लेजाकर मऊगंज व हनुनमा दुकानों में अपना ताला जड़ दिया। ये शराब दुकानें नई नही थी ये दुकानें सरकार के अनुबंध से 10 साल पूर्व से उसी स्थान में संचालित हो रही है। इन दुकानों का प्रतिदिन का राजस्व कई लाख में है किंतु विधायक को सरकार के राजस्व से क्या मतलब उन्हें तो सिर्फ अपने राजस्व से मतलब है जिस वजह से दुकानों में अपना ताला जड़ दिया।
ताला वाला विधायक
अब इनको ताला वाला विधायक कहा जाए तो कोई अतिसंयोक्त नही होगा साथ ही वो भी दिन दूर नही जब जनता इनकी हरकतों से बीजेपी के लिए अपने मन में ताला मार कर बैड जायेगी और इनकी हरकतों का खामियाजा बीजेपी सरकार को भुगतना पड़ेगा।
संवाददाता : आशीष सोनी
0 Comments