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सड़क तो बनी नहीं मरम्मत भी नहीं हुई, प्रशासन को शायद हादसे का इंतजार

 सड़क तो बनी नहीं मरम्मत भी नहीं हुई, प्रशासन को शायद हादसे का इंतजार


सिंगरौली सीधी एनएच मार्ग की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। बार-बार निर्माण में लगी कंपनी हाथ खड़े कर मशीन लेकर वापस चली जाती है। कुछ तो मजबूरी होगी शायद इसीलिए जनप्रतिनिधि भी इस मार्ग को लेकर कुछ बोलने से कतराते हैं। बीते वर्ष दिसंबर में सिंगरौली सीधी सांसद डॉ राजेश मिश्रा ने निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण कर आश्वासन दिया था कि 90% सड़क का निर्माण जून माह तक कर लिया जाएगा। इसके लिए वह हर माह के अंतिम सप्ताह में सड़क का निरीक्षण करने आने वाले थे। परंतु स्थिति देखकर उन्होंने भी नहीं आना मुनासिब समझा। जिस सुस्ती से यहां कार्य हो रहा शायद ही दुनिया में कहीं और हुआ होगा। परंतु इससे जिला प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा। शायद इसीलिए इस मार्ग पर हो रहे जानलेवा गड्ढों की मरम्मत करनी भी प्रशासन जरूरी नहीं समझता। आलम यह है की अकेले सिंगरौली बरगवां मार्ग पर कई जगह जानलेवा गड्ढे हो गए हैं। गोरबी बरगवां मार्ग पर कसर के समीप एवं ग्राम नौढिया में निर्माणाधीन पुल के समीप गड्ढे इतनी खतरनाक स्थिति पर पहुंच गए हैं की कभी भी कोई हादसा घट सकता है। बीते दिन मंगलवार को नौढिया के इसी गड्ढे में एक यात्री बस भी फस गई थी। जिस कारण यात्रियों को मजबूरन उतारकर दूसरे वाहन से जाना पड़ा। वहीं सिंगरौली गोरबी मार्ग के बीच परेवा नाला पर खस्ताहाल सड़क के कारण आए दिन जाम की स्थिति निर्मित रहती है। इस चढ़ाई पर कोयला लदे वाहन अक्सर खराब हो जाते हैं। जिससे कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। कुछ ऐसा ही हाल सिंगरौली औड़ी मार्ग पर चटका का है, जहां शमशान घाट के पास की सड़क दयनीय स्थिति पर है। इस मार्ग पर निर्मित पुल को खोला नही जा सका जिस कारण वाहनों को टूटे सड़क से जाने को मजबूर होना पड़ता है। इससे यहाँ की आम जनता और राहगीरों को खासी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। बीते वर्षों में भी खस्ताहाल सड़क को देख प्रशासन द्वारा गिट्टी और मुरम डलवाकर चलने योग सड़क बनाने का प्रयास किया जाता रहा है। पर इस बार ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा, जिससे लोगों में आक्रोश है। अगर इन मार्गों को समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा हादसा पेश आ सकता है।

संवाददाता : आशीष सोनी

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