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आदिवासी महिला सरपंच दर-दर भटकने के लिए मजबूर मंत्री से लेकर जिला एवं जनपद सीईओ के यहां जीआरएस के खिलाफ की जा चुकी है शिकायत

 आदिवासी महिला सरपंच दर-दर भटकने के लिए मजबूर

मंत्री से लेकर जिला एवं जनपद सीईओ के यहां जीआरएस के खिलाफ की जा चुकी है शिकायत


जनपद पंचायत क्षेत्र देवसर के ग्राम पंचायत चटनिहा की आदिवासी महिला सरपंच रोजगार सहायक के कारगुजारी से त्रस्त होकर पिछले एक साल से जिला पंचायत सीईओ के यहां शिकायत की जा रही है। लेकिन जिला पंचायत सीईओ नोटिस तक ही कार्रवाई को सीमित कर रखा है। समस्या का निराकरण करने साहस नही जुटा पा रहे हैं। कहीं न कहीं राजनीति के साथ-साथ अन्य स्त्रोत सामने आ रहे हैं। इस तरह के आरोप ग्रामीण मजदूरों के द्वारा कई आरोप लगाये जा रहे हैं। 

जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत चटनिहा के आदिवासी महिला सरपंच सोनकली सिंह द्वारा पंचायत के ग्राम रोजगार सहायक भुवनेश्वर प्रसाद जायसवाल की कारगुजारी से त्रस्त होकर पिछले वर्ष से जनपद एवं जिला पंचायत सीईओ के यहां कई अनियमितताओं को लेकर लिखित एवं प्रमाणित शिकायत की जा चुकी है। इसके बावजूद आरोप है कि जिला पंचायत सीईओ रोजगार ग्राम  सहायक को नोटिस देकर कार्रवाई सीमित कर दी है। आदिवासी महिला सरपंच का आरोप है कि जीआरएस भुवनेश्वर प्रसाद जायसवाल के द्वारा पंचायत भवन में उपस्थित नही होते और न ही हितग्राहियों के कार्य किये जाते हैं। हितग्राहियों के साथ-साथ सरपंच के फोन को भी रीसिव नही करते। सरपंच ने यह भी आरोप लगाया कि पंचायत अंतर्गत कार्य कर रहे मजदूरों को मस्टररोल न लगाकर अन्य व्यक्तियों का फर्जी मस्टररोल लगाकर राशि आहरित कर ली जाती है और कार्य करने वाले श्रमिको को मजदूरी राशि के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। ग्राम पंचायत अंतर्गत जीन बेंडरों के द्वारा सामग्री दी गई है, उन बेंडरों का बिल-व्हाउचर  न लगाकर जीआरएस अपने गृह ग्राम सरई के बेंडरों के नाम से फर्जी बिल लगा दिया है। जीआरएस पर यह भी आरोप है कि हितग्राहियों से अनुचित राशि की मांग की जाती है। सरपंच ने पूरे दस्तावेजों के साथ कई बार जिला एवं जनपद सीईओ के यहां शिकायत किया। जहां जिला पंचायत सीईओ ने जीआरएस भुवनेश्वर प्रसाद जायसवाल को पिछले वर्ष 18 नवम्बर को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा था और हैरानी की बात है कि जीआरएस ने सीईओ के नोटिस का जवाब भी नही दिया और न उपस्थित हुआ। फिर सीईओ जिला पंचायत ने 18 दिसम्बर 2024 को जीआरएस को नोटिस दिया और जिक्र किया कि 30 दिसम्बर को उपस्थित होकर जवाब दे। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने क्या कार्रवाई किया, आज तक पता नही चल पाया और मौजूदा समय में जीआरएस चटनिहा पंचायत में पदस्थ है।

पंचायत केबिनेट मंत्री से महिला श्रमिक करेंगी शिकायत

म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के केबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल कल दिन शुक्रवार को जिले के प्रवास पर आ रहे हैं। जहां विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। पंचायत मंत्री के आगमन की जानकारी मिलने पर चटनिहा पंचायत के गरीब आदिवासी महिला एवं पुरूष श्रमिको ने सीधे आरोप लगाया है कि जिम्मेदार अधिकारी जिला पंचायत सीईओ जीआरएस भुवनेश्वर प्रसाद जायसवाल पर मेहरवान हैं। जिसके कारण इन्हें आज तक नही हटाया गया है। जीआरएस पर सीईओ की मेरहवानी है या फिर नेताओं के दबाव  में कार्रवाई नही कर रहे हैं। इसीलिए कल श्रमिक पंचायत मंत्री से मिलकर लंबित पारिश्रमिक भुगतान दिलाने एवं जीआरएस को हटाने की मांग करेंगे।

मजदूरों का नही मिला डेढ़ साल से पारिश्रमिक भुगतान

ग्राम पंचायत चटनिहा के कई श्रमिको के अलावा महिला श्रमिको ने बताया कि वर्ष 2023 में पनिया गड़ई नाला में चेक डेम, पारस नाथ सिंह के खेत में कूप निर्माण का कार्य कराया गया। लेकिन आज तक पारिश्रमिक भुगतान नही मिला है। सरपंच से लेकर जीआरएस के यहां कई बार चक्कर लगाया जा चुका है। कोराश्वासन के अलावा कुछ भी हाथ नही लग रहा है। मजदूरों ने अपने व्यथा सुनाते हुये कहा कि भाजपा सरकार में न्याय की उम्मीद अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। गरीबों के दुख-दर्द को सुनने वाला कोई नही है। मंत्री-जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी अपने निजी कार्यो को पूरा करने में लगे हुये हैं। जिसके चलते हम जैसे गरीबो की समस्या को कोई नही सुन रहा है। रोजगार सहायक मनमानी पर उतारू है।

संवाददाता :- आशीष सोनी 

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