एनसीएल के साथ विस्थापन संघर्ष समिति की बैठक रही बेनतीजा
विस्थापन संघर्ष समिति की एनसीएल से हो रही द्विपक्षीय वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त हुई। संघर्ष समिति की पदाधिकारी की माने तो एनसीएल प्रबंधन द्वारा मांगो पर चर्चा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर अपनी विवशता जाहिर की गई। विस्थापित मंच के द्वारा प्रति बालिक व्यक्ति को 15 लाख रुपये, 40 गुणे 60 का प्लाट या 18 लाख रूपये एवं अन्य कई मुद्दो पर हुई चर्चा किया गया। संघर्ष समिति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आर्डर मांगा गया इसके उपरांत उन्होंने कुछ दिनों बाद इसका ऑर्डर उपलब्ध कराने की बात की गई। इस दौरान पुनर्वास स्थल को लेकर भी चर्चा हुई। जिसपर एनसीएल प्रबंधन के पदाधिकारी द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। गौरतलब है की बैठक में विस्थापन संघर्ष समिति के संरक्षक रामलल्लू वैश्य भी पहुंचे थे, उन्होंने भी पूर्व में हुए विस्थापन को आधार बताते हुए स्थानीय लोगों को लाभ देने की बात कही। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक एनसीएल प्रबंधन बीते दिनों हुए कलेक्ट्रेट की बैठक को आधार बताते हुए शासकीय भूमि पर बसे लोगों को सभी सुविधाओं को नहीं दे सकते। इसे लेकर वार्ता में काफी गहमा गहमी रही। संघर्ष समिति का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले कॉफी मिलने के बाद उसका अवलोकन किया जाएगा, इसके बाद आगामी रणनीति बनाई जाएगी। फ़िलहाल इस बैठक के दौरान एनसीएल प्रबंधन की ओर से निदेशक कार्मिक मनीष कुमार, महाप्रबंधक राजस्व निरंजन कुमार, महाप्रबंधक जयंत राजीव कुमार, एसओपी जयंत पीके त्रिपाठी एवं अन्य विभागीय अधिकारी गण उपस्थित रहें। वही विस्थापन संधर्ष समिति के साथ में सिंगरौली क पूर्व विधायक रामलल्लू बैस, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित कुमार तिवारी, राजेश गुप्ता, रंजीत शर्मा, बंटी सिन्हा, रामदास राय, शंकर सोनी, सुशीला सिंह मौजूद रही।
संवाददाता : आशीष सोनी
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