तहसीलदार निवास की काटी बिजली, बदले में भेजा 16 लाख राजस्व वसूली का नोटिस, एमपीईबी के छुटे पसीने
पहला झटका- तहसीलदार की बिजली कटी
दरअसल, शनिवार की सुबह एमपीईबी डिवीजन के नए-नवेले कार्यपालन अभियंता (डीई) ने सख्त आदेश दिए। बकाया वसूली में किसी को मत छोड़ो, चाहे वो आम हो या खास। आदेश सुनते ही शहर के जेई साहब ने सिविल लाइन में तहसीलदार के सरकारी निवास का बिजली कनेक्शन काट दिया। कारण ? करीब 40,000 रुपये का बकाया बिल। पहले ये रकम महीनों से लंबित थी, लेकिन किसी ने छेड़ा नहीं। नए डीई के आते ही नियम सब पर बराबर लागू हुआ और कटाक! बिजली गुल कर दी गई।
कलेक्टर के “सबसे भरोसेमंद” तहसीलदार की लाइन कटते ही अफसरों में खलबली मच गई। छोटे बिजली कर्मचारी फोन बंद कर गायब हो गए और तहसीलदार के स्टाफ शहर में लाइनमैन ढूंढते फिरने लगे। आखिरकार 3-4 घंटे के जुगाड़ और दबाव के बाद बिजली बहाल हो सकी।
दूसरा झटका- तहसीलदार ने भेजा वसूली का नोटिस
बिजली कटने के झटके से उबरते ही तहसीलदार साहब ने एमपीईबी का बकाया हिसाब खंगाल डाला। नतीजा चौंकाने वाला, जिस एमपीईबी ने 40 हजार के लिए उनका कनेक्शन काटा, उस पर खुद लगभग 16 लाख रुपये (2020-21 से 2025 तक का डायवर्सन टैक्स) बकाया निकला! तहसीलदार विनय प्रकाश ठाकुर ने उसी दिन राजस्व वसूली का नोटिस थमा दिया। मतलब कि “तुमने मेरी 40 हजार के लिए बिजली काटी, मैं तुम्हारे 16 लाख के लिए कुर्की करूंगा।”
अब आगे..?
शहर के गलियारों में चर्चा है कि मामला ठंडा होगा या जंग का अगला राउंड शुरू होगा ? फिलहाल पांढुर्णा का नया जिला बनने के बाद ये घटना अफसरशाही की सबसे मजेदार और यादगार “वार-पलटवार” बन गई है।
संवाददाता :-आशीष सोनी
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