मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला: नए जिलों में BJP कार्यालयों के लिए सरकारी जमीन आवंटन, मेट्रोपॉलिटन सिटी विधेयक को मंजूरी, इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
इसके साथ ही, कैबिनेट ने मेट्रोपॉलिटन सिटी विधेयक को भी मंजूरी दी है, जिसके तहत भोपाल और इंदौर को पहले चरण में मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा। भोपाल रीजन में विदिशा, सीहोर, रायसेन और राजगढ़ के कुछ हिस्से शामिल होंगे, जबकि इंदौर रीजन में देवास, महू, पीथमपुर और शाजापुर के क्षेत्र जुड़ेंगे। इस परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट स्वीकृत किया गया है, साथ ही अधिसंरचना विकास के लिए 1700 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। मुरैना में सोलर एनर्जी प्लांट की स्थापना को भी हरी झंडी दी गई है, जिसमें बैटरी स्टोरेज सिस्टम होगा। यह परियोजना ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
इसके अलावा सरकार ने जबलपुर के रांझी तहसील में 100 बिस्तर वाले कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अस्पताल के लिए पांच एकड़ जमीन देने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने मुरैना में 600 मेगावाट बिजली उत्पादन व भंडारण के मामले में सरकार की ओर से गारंटी दिए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2047 तक मध्य प्रदेश की आधी आबादी का शहरीकरण करना है। इसके लिए दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा। भोपाल और इंदौर के बाद जबलपुर, ग्वालियर और रीवा को भी इस सूची में शामिल करने की योजना है। इन परियोजनाओं के संचालन के लिए एक स्वतंत्र मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन होगा।
संवाददाता :- आशीष सोनी
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