राशन दुकानों पर पहुंचा कीड़े-घुन वाला गेहूं, 8000 बोरियां रिजेक्ट
गरीबों को वितरण होने वाले अनाज में घुन निकलने के साथ इसमें कीड़े भी लगे हुए है। न चाह कर भी गरीबों को यह अनाज लेना पड़ रहा है। यह पहली बार नहीं है, जब जिले की समितियों पर इस प्रकार का घटिया अनाज पहुंचा है। पहले भी ऐसा अनाज गरीबों को बांटा गया है। इस मामले में विभाग के जिमेदार छांट कर अच्छा अनाज पहुंचाने की बात कह रहे है।गरीबों को मिलने वाले अनाज में पिछले कई दिनों से जमकर लापरवाहियां देखी जा रही हैं। इस बाद जिले की कुछ समितियों पर ऐसा अनाज पहुंचा है जो बिलकुल भी खाने योग्य नहीं दिखाई दे रहा है। 
खाने लायक नहीं अनाज, कैसे बीतेगा त्योहारों का सीजन
बल्देवगढ़ की कैलपुरा समिति पर पहुंचा अनाज पूरी तरह से घुना हुआ था साथ ही इसमें कीड़े थे। अनाज लेने के बाद हितग्राही रमेश का कहना था कि यह तो खाने लायक भी नहीं है, लेकिन क्या करें मजबूरी है। त्योहार सिर पर है और बच्चों का पेट पालने के लिए वह इसे साथ ले गए थे। इसे धोकर साफ कर जितना भी अच्छा अनाज निकलेगा उस का उपयोग करेंगे। यह कहानी अन्य लोगों की भी है। कुछ समय पहले भी उचित मूल्य की दुकानों पर ऐसा ही अनाज पहुंचा था।
वेयर हाउस प्रबंधक मनोज पालिया से पत्रिका से सीधे सवाल
1.सवाल: समितियों पर घुना और कीड़े युक्त अनाज वितरण किया जा रहा है।
जवाब: यह पूरा अनाज बाहर से आता है। इस बार उज्जैन से माल आया है। इसकी जानकारी ऊपर दी गई है।
2.सवाल: यह तो बहुत खराब है, खाने योग्य भी नहीं है।
जवाब: माल आने पर इसकी जांच की जाती है। जो बोरिया खराब होती है उसे अलग किया जाता है। अब तक ऐसी 8 हजार बोरियों को अलग किया जा चुका है। किसी जगह धोखे से कोई बोरी पहुंच गई होगी।
3.सवाल: छांटने के बाद भी इतना घटिया अनाज पहुंच रहा है तो कैसे छांटा जा रहा है।
जवाब: सभी बोरियों की जांच करना संभव नहीं है। कुछ जगह ऐसा अनाज पहुंच जाता है।
8 हजार बोरियां की रिजेक्ट
वेयर हाउस कॉर्पोरेशन की माने तो पिछले दो बार से खराब आए रैक से 8 हजार बोरिया छांट कर अलग की गई है। बताया जा रहा है कि इन बोरियों में तो केवल घुन भरा हुआ था। वितरण के लिए आ रहे इस घटिया अनाज से साफ हो रहा है कि गरीबों को दिए जाने वाले अनाज की गुणवत्ता को लेकर शासन-प्रशासन किसी प्रकार से अच्छी व्यवस्था नहीं कर रही है। लोगों का कहना है कि सरकार भी गरीबों की मजबूरी को समझ रही है और अधिकारी भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे है। 
बाहर से आता है अनाज
इस मामले में खाद्य विभाग और वेयर हाउस कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि वह मजबूर है। उनके पास बाहर से अनाज आता है। ऐसे में जो माल आता है, उसे समितियों पर भेज दिया जाता है। वेयर हाउस के जिला प्रबंधक मनोज पालिया का कहना था कि इस बार उज्जैन से रैक लोड होकर आया था। इसमें जो ज्यादा खराब अनाज था, उसे अलग करा लिया गया था। कोशिश करते है कि दुकानों पर अच्छा अनाज पहुंचे।

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