सिवनी में ट्रांसपोर्ट नगर का शुरु नहीं हो पाया निर्माण, ऑडिटोरियम का सपना भी अधूरा
सिवनी नगर पालिका परिषद, सिवनी की प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक हर वर्ष होती है। बजट एवं कार्यों की स्वीकृति दी जाती है। हालांकि अधिकतर कार्य महज कागजों तक सीमित रह जा रहे हैं। वर्ष 2024-25 में नगर पालिका के बजट में शामिल किए गए ऑडिटोरियम, ट्रांसपोर्ट नगर सहित कई कार्य अब तक शुरु नहीं हो पाए हैं। सितंबर 2024 में परिषद के सभी 24 वार्ड के लिए विकास की योजना तय करने के लिए आयोजित किए गए विशेष सम्मेलन में 12 करोड़ की लागत से ऑडिटोरियम का प्रस्ताव सर्वसम्मति से लिया गया था और इसक लिए बाबरिया में जगह भी चिन्हित की गई थी। उम्मीद थी कि जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी और निर्माण कार्य शुरु होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बताया जाता है कि नगर पालिका चिन्हित किए गए जमीन पर ऑडिटोरियम बनाने के पक्ष में नहीं है। इसके पीछे वजह यह है कि यहां की जमीन बहुत महंगी है और इसका उपयोग शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाने में किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ परिषद का मानना है कि ऑडिटोरियम का इस्तेमाल कभी कभार ही किया जाता है। ऐसे में इसकी जगह कही और निर्धारित किया जाए। हालांकि तब से अब तक नगर पालिका दूसरी जगह चिन्हित नहीं कर पाया।
आय बढ़ाने शॉपिंग काम्प्लेक्स पर जोर
नगर पालिका की कुछ वर्षों से वित्तीय स्थिति ठीक नहीं चल रही है। प्रदेश शासन से पर्याप्त फंड जारी नहीं हो रहा है। वहीं दूसरी ओर संपतिकर, जलकर सहित अन्य कर की वसूली में गंभीरता नहीं बरती जा रही है। ऐसे में नगर पालिका का अपनी आय बढ़ाने के लिए अब पूरा ध्यान शॉपिंग काम्प्लेक्स के निर्माण पर है। जिन्हें बेचकर वह अपनी वित्तीय स्थिति बेहतर करना चाहती है। इससे बीते वर्षों में प्रस्तावित कार्य भी शुरु हो पाएंगे।
गीता भवन, ट्रांसपोर्ट नगर भी नहीं बना
मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना अंतर्गत नगर सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में 12 करोड़ रुपए की लगात से ऑडिटोरियम निर्माण, शासन से मिले एक करोड़ रुपए के अनुदान से स्वीमिंग पुल का निर्माण, गार्डन निर्माण, 5 करोड़ रुपए अनुदान से ट्रांसपोर्ट नगर स्थापना कार्य को शामिल किया था। ट्रांसपोर्ट नगर स्थापना का कार्य भी अब तक प्रारंभ नहीं हो पाया है। इसी तरह 5 करोड़ 50 लाख रुपए से पुरानी थोक सब्जी मण्डी, पुराने राजस्व कार्यालय एवं अन्य स्थानों पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण प्रस्तावित किया गया था। तारामंडल भी बनाया जाना था। गीता भवन बनाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया था। इन कार्यों में भी कोई प्रगति नहीं है।

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