एमपी में अब नहीं लगेगा स्मार्ट मीटर! इतने सालों तक लगी रोक, सामने आई बड़ी वजह
विद्युत वितरण कंपनियों ने आयोग से मांगी थी अवधि बढ़ाने की अनुमति
दरअसल, मध्य और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों ने आयोग से स्मार्ट मीटर लगाने की अनिवार्यता की अवधि बढ़ाने की अनुमति मांगी थी। उपभोक्ताओं को राहत देते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य मीटर लगाने की स्वीकृति दे दी गई। कंपनियों का तर्क था कि स्मार्ट मीटर मात्र बिजली खपत मापने का एक यंत्र नहीं है, बल्कि एक वृहद विद्युत प्रणाली है।
लगातार विरोध के बाद लिया गया फैसला
बता दें कि प्रदेश भर में स्मार्ट मीटर तेजी से हर घर में लगाए जा रहे थे। कई जगहों पर खामियां आने के बाद लोगों ने इसका विरोध किया था। बताया जा रहा था कि इसकी वजह से उनका बिजली खपत था उतना ही है, लेकिन बिल में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद कई जगह मीटर जलाकर प्रदर्शन भी किया गया था। हालांकि, जिन घरों में सामान्य मीटर निकाल कर स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, उन्हें बदला जाएगा या नहीं, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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