सिवनी हवाला लूटकांड: हिरासत में रखे गए व्यापारी के ड्राइवर को लेकर लगी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
यह है पूरा मामला
मामला 8-9 अक्टूबर 2025 की दरम्यानी रात का है। महाराष्ट्र के जालना निवासी सोहनलाल परमार अपने साथियों के साथ कटनी से नागपुर की ओर जा रहे थे। उनकी क्रेटा कार (एमएच-13 ईके-3430) में करीब 3 करोड़ रुपये की नकदी थी, जो हवाला कारोबार से जुड़ी बताई जा रही है। सिवनी के बंडोल थाना क्षेत्र में पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार को रोका और कथित रूप से पूरी राशि जब्त कर ली। लेकिन यहीं से मामला उलझ गया। जांच में सामने आया कि एसडीओपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों ने हवाला राशि के बंटवारे की साजिश रची थी। पुलिस ने कारोबारियों से ‘आधा-आधा’ बांटने का प्रस्ताव रखा, लेकिन कारोबारी केवल 45 लाख रुपये देने पर अड़े। डील फेल होने पर हवाला कारोबारियों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिससे पूरा कांड उजागर हो गया। इसके बाद 14 अक्टूबर को एसडीओपी पूजा पांडे समेत 6 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि 10 अन्य को निलंबित किया गया। पुलिस ने अब तक 2.70 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, लेकिन 1.45 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगा है।
ड्राइवर पर कार्रवाई और याचिका की दलीलें
सोहनलाल परमार को 10 अक्टूबर को सिवनी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 12 अक्टूबर को उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन छूटते ही जालना पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार कर सिवनी पुलिस के हवाले कर दिया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गिरफ्तारी के बाद से सोहनलाल को लगातार पुलिस हिरासत में रखा जा रहा है। दलीलों में कहा गया सोहनलाल को जालना से सिवनी लाते समय ट्रांजिट रिमांड नहीं ली गई।
गिरफ्तारी के बाद उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया, जो कानूनी प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लंघन है। पुलिस ने खुद ही सोहनलाल को बंधक बनाकर रखा है, बिना किसी वैध कारण के। गंगाबाई परमार ने याचिका में मांग की है कि सोहनलाल को तत्काल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाए और उनकी हिरासत को असंवैधानिक घोषित किया जाए। हाईकोर्ट की में दायर इस याचिका पर चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच सुनवाई करेगी। कोर्ट के फैसले से न केवल सोहनलाल की रिहाई पर असर पड़ेगा, बल्कि पूरे हवाला कांड की जांच पर भी नजर रखी जा सकती है।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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