यह कैसा मजाक? सड़क के गड्ढे ने ली मां की जान, पुलिस ने बेटे पर कर दिया केस 

सड़क पर पानी से लबालब गड्ढ़ा, जिसमें बाइक फिसली तो जिंदगी भर का दुख दे गई। मां की मौत से टूटा एक बेटा अब खुद कटघरे में खड़ा है। कारण कि उसने गड्ढ़े वाली सड़क से बाइक चलाई ही क्यों? यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, हकीकत है पातीचक गांव के कमलकिशोर लोधी की। जो अपने पिता के इलाज के बाद माता-पिता के साथ बाइक से वापस गांव लौट रहा था, लेकिन रास्ते के गड्ढ़े ने उसे अपराधी बना दिया। 

गड्ढे के कारण फिसली बाइक, मां की मौत, पुलिस ने बेटे पर किया केस

मामला 18 सितंबर को अशोकनगर के कदवाया थाना क्षेत्र के मन्हेटी-छपरा जोड़ के पास सड़क का है। शिवपुरी जिले के मायापुर थाना क्षेत्र के पातीचक निवासी कमलकिशोर लोधी अपनी मां 60 वर्षीय सुमंत्राबाई के साथ बाइक से पिता रामसिंह लोधी का किडनी का इलाज कराने ईसागढ़ के बहेरिया अस्पताल आया था। जहां से गांव वापस जाते समय रास्ते में सड़क पर पानी से भरे गड्ढ़े में बाइक निकालते समय बाइक फिसल गई। इससे सुमंत्राबाई गिर गई और गंभीर चोट लगी, जिसकी अस्पताल जाते समय मौत हो गई। कदवाया पुलिस ने 22 दिन बाद मर्ग की जांच के बाद मामले में मृतका के पुत्र कमलकिशोर लोधी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है।

लापरवाही से बाइक चलाने का माना दोषी

मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने खोपड़ी में फ्रेक्चर आने से मृत्यु का कारण बताया। पुलिस ने माना कि कमलकिशोर लोधी ने अपनी बाइक को तेज गति व लापरवाही से गड्ढ़े पर चलाया। जिसकी वजह से यह घटना हुई और बाइक से गिरने से सुमंत्राबाई की मौत हो गई। इससे पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) के तहत यह प्रकरण दर्ज किया है। 

सड़कें निगल रहीं जानें, दोष सिर्फ आम आदमी पर

यह घटना सिर्फ एक परिवार का दुख नहीं, बल्कि एक बड़ा सामाजिक प्रश्न है। आए दिन खराब सड़कों के कारण हो रहीं मौत की कोई गिनती नहीं है। लोगों का कहना है कि निर्माण की क्वालिटी और तकनीकी त्रुटियों पर जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं देते हैं, इससे सड़कों पर कुछ दिन बाद ही गड्ढ़े हो जाते हैं। लेकिन न तो जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई होती है और न ही जवाबदेही तय होती है। दोष आम आदमी पर मढ़ दिया जाता है।