सरकारी कॉलेज के प्रोफेसर को भाजपा ने बना दिया महामंत्री, मचा ऐसा बवाल की पद से हटाना पड़ा

मध्य प्रदेश के हरदा में स्थित पीएश्री कॉलेज में करीब 10 साल से भी अधिक समय से सेवारत हिंदी विषय के अतिथि विद्वान बसंतसिंह राजपूत को भाजपा में जिला महामंत्री नियुक्त किए जाने के बाद कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता बिले ने प्रशासनिक अधिकारी व्हीके बिछोतिया आदि से विचार विमर्श करने के बाद शनिवार को निष्कासित कर दिया।

हिंदी अतिथि विद्वान् भाजपा ने बनाया महामंत्री

लंबे समय से अभाविप और भाजपा के शिक्षक प्रकोष्ठ से जुड़े बसंत को महामंत्री बनाने के बाद से ही विधायक प्रतिनिधि व एनएसयूआई कॉलेज में ज्ञापन, पोस्टर आदि लगाकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। शनिवार को भी 2 घंटे गहमागहमी चली। इसके बाद आदेश जारी हुए। जिले के लीड स्वामी विवेकानंद, प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में हिंदी के अतिथि विद्वान के रुप में स्ववित्तीय पाठयक्रम के लिए बसंतसिंह राजपूत रखे गए थे।

एनएसयूआई ने किया विरोध

अभाविप से जुड़े होने और कॉलेज को बिना सूचना दिए भाजपा के विभिन्न राजनीतिक मंचों और कार्यक्रमों में शामिल होने के प्रमाण देकर एनएसयूआई (NSUI) उन्हें हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन करती रही। इधर कांग्रेस विधायक आरके दोगने ने विधानसभा में अतिथि विद्वान के राजनीतिक दल से जुड़े होने और सरकारी कॉलेज में पढ़ाने को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री से सवाल पूछा, जिसमें उन्होंने इसे नियम विरुद्ध बताया, लेकिन प्राचार्य ने कार्रवाई नहीं की।

प्रशासन ने पद से हटाया

इस मामले में एनएसयूआई ने विरोध प्रदर्शन कर प्राचार्य को ज्ञापन दिया। कॉलेज बंद करने की चेतावनी दी। शनिवार को विधायक प्रतिनिधि अनिल विश्नोई, एनएसयूआई के प्रदेश सचिव मनोज विश्नोई आदि ने दो घंटे प्राचार्य कक्ष में विरोध जताया। बैठक में लिए साल 2018 के निर्णय बारीकी से देखे। प्राचार्य को बताए, तब उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी से चर्चा कर राजपूत के निष्कासन का आदेश जारी किया। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष योगानंद राजपूत, कृष्णा विश्नोई, नमन मालवीय, आयुष दुबे, आयुष गहलोद, राज मातवा सहित अनेक लोग मौजूद रहे।