जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर बैढ़न की बदहाल व्यवस्था को लेकर मरीजो व परिजनों ने दर्द किया बयां
गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर की व्यवस्था को लेकर हमेशा सवाल उठता आ रहा है। जिला चिकित्सालय में साफ-सफाई व्यवस्था के अलावा ओपीडी में चिकित्सको का न बैठना के अलावा वार्डो में जो भर्ती मरीज हैं, उन्हें देखने तक नही जाते हैं। सिर्फ स्टाफ नर्स के भरोसे भर्ती मरीजो का उपचार किया जा रहा है। अगर इन दवाओं के वजह से कोई अनहोनी हो जाती है, तो यही चिकित्सक अपनी गलती को मानने को तैयार नही होते। जिला चिकित्सालय की बदहाल व्यवस्था को सुधारने के लिए सिविल सर्जन और सीएमएचओ दोनों उदासीन बने हुये हैं। इन बेलगाम चिकित्सको पर न तो सिविल सर्जन का डर है और न ही सीएमएचओ का। सवाल यह भी है कि कई वर्षो से सिंगरौली में चिकित्सक जमे हैं और इन्ही चिकित्सको में से सिविल सर्जन और सीएमएचओ बना दिया जाता है। यही वजह है कि जिला चिकित्सालय के चिकित्सको पर सिविल सर्जन दबाव नही बना पा रहे हैं। सिर्फ मौखिक आदेश दिया जाता है, कोई लिखित आदेश नही जारी रहता है। अगर सही तरीके से अस्पताल अधीक्षक अपने पद को समझे और चिकित्सालय की व्यवस्था सुधारने की पहल करे तो ऐसा नही कि जिला चिकित्सालय की व्यवस्था न सुधर पाये। लेकिन कोई पहल नही की जा रही है। मनमानी तरीके से चिकित्सक आते हैं और जाते हैं। ऐसे में भर्ती मरीजो के साथ काफी नाइंसाफी हो रही है। क्योंकि आज दिन गुरूवार की दोपहर मरीजो ने बताया कि बीते बुधवार की शाम तकरीबन 4 बजे से भर्ती हूॅ, लेकिन एक भी चिकित्सक वार्ड में मरीजो को देखने नही आये हैं।
राज्यमंत्री ने भी किया था निरीक्षण, फिर भी नही सुधार
अभी दो दिन पूर्व राज्यमंत्री राधा सिंह ने जिला चिकित्सालय एक भर्ती मरीज को देखने पहुंची हुई थी। जहां राज्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। गिनती भर मरीजो से मुलाकात की। लेकिन साफ-सफाई व्यवस्था को देखना उचित नही समझा। इस तरह के आरोप कई मरीजो ने लगाया है। मरीजो का कहना है कि राज्यमंत्री का गृह जिला है और राज्यमंत्री अधिकांश समय जिला मुख्यालय में बिताती हैं, इसके बावजूद जिला चिकित्सालय की व्यवस्था में कोई सुधार नही हो पा रहा है। इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या होगी। कहने को तो जिला चिकित्सालय को सह ट्रामा सेंटर बनाया गया है, पर्याप्त चिकित्सक हैं, सरकार के तरफ से सभी व्यवस्थाएं की गई है, इसके बावजूद व्यवस्था को सुधरवाने में कोई दिलचस्पी नही ली जा रही है।
शौचालय की गंदगी बह रही गैलरी में
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर बैढ़न के सीटीस्केन से लेकर फिजियोथेरपी गेट के बीचों-बीच जो शौचालय बनाया गया है, उसकी गंदगी गैलरी में बह रही है। हालात ऐसे हैं कि इस गैलरी से निकलना मुश्किल हो रहा है। दुर्गंध के चलते लोग परेशान हो रहे हैं। यहां तक कि वार्डो में जहां मरीज भर्ती हैं, वहां भी गंदगी फैली है। यहां तक वॉसिंग जाम है, पानी नही निकल रहा है। गंदगी के चलते मरीज व उनके परिजन परेशान रहते हैं। जबकि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर की सफाई व्यवस्था सेडमेप को सौपी गई है, ताकि व्यवस्था में सुधार हो सके। लेकिन ठेकेदार के द्वारा जिला चिकित्सालय की साफ-सफाई व्यवस्था नही कराई जा रही है। जिसके चलते चारों तरफ गंदगी ही गंदगी बनी हुई है। सिविल सर्जन के द्वारा न तो चिकित्सालय का निरीक्षण किया जाता है, जिसके चलते सफाई व्यवस्था बदहाल है।
इनका कहना:-
बेटा छत से गिर गया था, जहां पैर में कांच घुसने सर बुरी तरह से फट गया, बैढ़न से बरगवां रेफर किया गया। बीते बुधवार की शाम 6 बजे ट्रामा सेंटर पहुंची। जहां डॉक्टरों ने रात को बेटे के पैर में मलहम पट्टी लगाकर इलाज किया था। लेकिन आज सुबह से कोई डॉक्टर झांकने तक नहीं आये।
जगमती, बरगवां-पीड़ित की मां
इनका कहना:-
बर्न वार्ड यूनिट में चद्दर नहीं दी गई है, शौचालय साफ नहीं होने के चलते वार्ड में दुर्गंध आ रही है, वॉश बेसिन चोक होने से गंदा पानी भरा हुआ है, जबकि शौचालय का नल टूटा होने से पानी नहीं आ रहा।
भूपेंद्र प्रसाद पाण्डेय
निवासी कथुरा
इनका कहना:-
चादर की कमी है, मोटर जलने से पानी की भी समस्या है। तीन टाईम सफाई होनी चाहिए। सेडमैप की साफ-सफाई से मैं संतुष्ट नही हूॅ। नोडल अधिकारी को निर्देशित किया जाएगा।
डॉ. कल्पना रवि
सिविल सर्जन,
जिला चिकित्सालय,बैढ़न
संवाददाता :- आशीष सोनी

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