पतेरी पंचायत में सादे कागज़ पर हुआ कई भुगतान विकास नहीं, भ्रष्टाचार पर जिम्मेदार बने अनजान


सिंगरौली जिले के चितरंगी जनपद के ग्राम पंचायत पतेरी में भ्रष्टाचार और मनमानी का एक और मामला सामने आया है जानकारी के अनुसार पंचायत एजेंसी के माध्यम से बालू एवं गिट्टी के अलावा और कई भुगतान सादे कागज़ पर किया गया है बताया जा रहा है 19/03/2025 को बिल आईडी 15111699 के तहत भुगतान किया गया है सूत्रों के अनुसार पंचायत के सरपंच सचिव को ऐसा अधिकार मिला हुआ है कि वे अपनी इच्छा से कोई भी बिल लगाकर भुगतान कर सकते हैं इसी पावर का दुरुपयोग करते हुए सरपंच सचिव द्वारा संदिग्ध तरीके से भुगतान किए जाने की बात सामने आई है।ग्राम वासियों का कहना है कि सरकारी धन का इस तरह दुरुपयोग करना सीधा-सीधा नियमों का उल्लंघन है ग्रामीणों ने प्रशासन से इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है पंचायत की शक्ति या मनमानी? ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने का उद्देश्य था कि गांवों का विकास गांव के हाथों में हो। लेकिन जब शक्ति का दुरुपयोग ही विकास की राह में दीवार बन जाए, तब सवाल उठना स्वाभाविक है पतेरी ग्राम पंचायत का मामला यही कहानी कहता है — जहाँ बालू और गिट्टी के अलावा कई भुगतान सादे कागज़ पर कर दिया गया। बिल आईडी 15111699 के माध्यम से किए गए इस भुगतान ने पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरपंच सचिव को दिया गया अधिकार कि “वे चाहे जो भी बिल लगाकर पैसा निकाल सकते हैं”, अब भ्रष्टाचार का उपकरण बनता जा रहा है लोकतंत्र की जड़ें गाँवों में हैं, पर यदि ग्राम सरकारें ही नियमों को ताक पर रख दें तो यह जड़ें खोखली हो जाएँगी। विकास तभी संभव है जब जिम्मेदारी के साथ अधिकारों का प्रयोग हो — न कि निजी लाभ के लिए प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की सख्त जांच करे और जवाबदेही तय करे। वरना “गांव का शासन” केवल “गांव की लूट” बनकर रह जाएगा।

संवाददाता :- आशीष सोनी