बीजेपी में चरम पर गुटबाजी! महिला मेयर का छलका दर्द, कमिश्नर पर लगाया षड्यंत्र और अपमान का आरोप
सागर महापौर नगर निगम की ओर से आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पद्माकर सभागार में हुए कार्यक्रम में जानबूझकर मुझसे उनका स्वागत नहीं कराया गया। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के हितग्राहियों के चेक वितरण कार्यक्रम में मुझे बुलाकर पूरे 40 मिनट तक इंतजार कराया और स्वयं बहुत देर से आये। स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत 30 सितंबर को म्युनिसिपल स्कूल में निगम द्वारा लगाये गये वोकल फॉर लोकल मेला में जब पहुंची तो वहां न वे स्वयं आये न निगम के किसी अधिकारी को आने दिया। कार्ड में मेरा नाम कहां है, किस नंबर पर है, उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।
उन्होंने आगे कहा कि सागर नगर की साढ़े 3 लाख जनता की सेवा के लिए हर संघर्ष करने तैयार हूं। मुझे मेरे पार्षदों और कर्मचारियों ने ही अवगत कराया है कि दशहरा के कार्यक्रम में मुझे अपमानित करने षड्यंत्र रचा जा रहा है। ऐसे में सबने सलाह दी है कि मैं वहां न जाऊं। यह किसके इशारे पर किया जा रहा है और क्यों ? यह हर कोई जानता है। पूरे घटनाक्रमों को लेकर शासन और संगठन को अवगत करा दिया है। निगमायुक्त और उनके पीछे से यह खेल करा रहे लोग चाहे कितनी भी साजिश कर लें। नगर के विकास के लिए पूरी ताकत के साथ डटकर खड़ी रहूंगी।
बीजेपी में चरम पर गुटबाजी
दरअसल, सागर बीजेपी में गुटबाजी चरम पर पहुंच चुकी है, जो प्रदेश नेतृत्व के भी संज्ञान में है। वर्तमान कैबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की अदावत जग जाहिर है। इसी तरह सागर में महापौर संगीता तिवारी और नगर विधायक शैलेन्द्र जैन के बीच चल रहे घमासान में यह एक और एपिसोड जुड़ गया है। जहां महापौर संगीत तिवारी ने निगमायुक्त के साथ ही इशारों में प्रतिद्वंदियों पर निशाना साधा है।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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